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पानी भर कर लाने में महिलाओं के बर्बाद हो रहे हैं 20 करोड़ घंटे: UNICEF रिपोर्ट

दुनियाभर के ग्राउंडवाटर का करीब 25 फीसदी अकेले भारत में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन बारिश के पानी का सिर्फ 8 फीसदी हिस्सा ही भारत दोबारा इस्तेमाल कर पाता है. 

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UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर की महिलाएं रोज बीस करोड़ घंटे सिर्फ पानी भरकर लाने में बिता देती हैं.
UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर की महिलाएं रोज बीस करोड़ घंटे सिर्फ पानी भरकर लाने में बिता देती हैं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दुनियाभर की महिलाएं रोज़ 20 करोड़ घंटे पानी भरने में बिता रही हैं: UNICEF
  • PM नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कैच द रेन अभियान लॉन्च किया.

विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कैच द रेन अभियान लॉन्च किया. इस अभियान के तहत बारिश के पानी को सुरक्षित रखने के अभियान को आम लोगों तक फैलाने की कोशिश की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में जल शक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ रही है.

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असल में, पूरी दुनिया में जल संकट एक बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है. ऐसे में यूनिसेफ की जल संकट पर विश्वव्यापी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर की महिलाएं बीस करोड़ घंटे सिर्फ पानी भरकर लाने में बिता देती हैं. वहीं दुनियाभर के ग्राउंडवाटर का करीब 25 फीसदी अकेले भारत में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन बारिश के पानी का सिर्फ 8 फीसदी हिस्सा ही भारत दोबारा इस्तेमाल कर पाता है. 

यूनिसेफ की रिपोर्ट पर अगर नजर डालें तो दुनियाभर की महिलाएं रोज़ 20 करोड़ घंटे पानी भरने में बिता रही हैं. इस संख्या को अगर सरल करें तो तकरीबन 83 लाख दिन या 22 हजार 800 साल. भले ये आंकड़े सुनने में अजीब हों, लेकिन रिपोर्ट यही सच बता रही है. ऐसे में अगर हम मौजूदा वक़्त में चुनावी अखाड़ा बने बंगाल की तरफ देखें तो यहां के आदिवासी इलाके पुरुलिया में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.

 

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माना जाता है कि पुरुलिया में पानी की समस्या तब से है जबसे पुुरुलिया है. सालों बाद आज भी पुरुलिया में हर सुबह नल के सामने महिलाएं बाल्टियां लेकर घंटों पानी के इंतजार में खड़ी रहती हैं. ऐसे में भले ही चुनावी दौर में नेता वोटर को लुभाने के वादे करें, लेकिन नतीजा खाली बाल्टियां बता रही हैं. पुरुलिया में ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान आज तक ने वहां के निवासियों से बात की तो लोगों ने बताया कि तकरीबन एक महीने से पानी ठीक से नहीं आ रहा है. एक महिला ने बताया कि पानी कभी आता है तो कभी नहीं. उन्होंने बताया कि यहां नल के पानी का कोई टाइम टेबल नहीं है. कभी कभी पानी नहीं भी आता है. 

 

 

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