महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के केस की पैरवी सरकारी वकील राजीव मोहन करेंगे. यह वही वकील हैं, जिन्होंने 2012 में निर्भया केस लड़ा था और दोषियों के लिए मृत्युदंड की सजा मुकर्रर कराई थी.
राजीव मोहन 2012 में निर्भया केस के सरकारी वकील थे. लेकिन अब वह महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप मामले में बृजभूषण सिंह का बचाव करेंगे.
कौन है राजीव मोहन?
निर्भया मामले में राजीव मोहन ने दिल्ली पुलिस की ओर से मामले की पैरवी की थी और दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की थी. लेकिन आज उन्होंने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण की पैरवी की.
इस साल जून में पहलवानों के मामले पर इंडिया टुडे से बातचीत में निर्भया की मां ने कहा था कि अगर पहलवानों के आरोपों की जांच उचित तरीके से नहीं की जाती और उन्हें न्याय नहीं मिलता तो यह हमारी न्याय प्रणाली के लिए धब्बा होगा.
बता दें कि 2012 में निर्भया रेप केस ने पूरे देश को दहला दिया था. इस मामले में चार लोगों को दोषी ठहराया गया था. इस मामले के बाद देशभर में भारी प्रदर्शन हुए थे.
मौजूदा मामले में बृजभूषण सिंह कई महिला पहलवानों ने इस साल की शुरुआत में बृजभूषण पर आरोप लगाए थे और उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी. बाद में हंगामा बढ़ने पर इस मामले में बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी. एक एफआईआर पॉक्सो एक्ट को लेकर दर्ज की गई थी.
पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ दिया था धरना
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुछ महिला पहलवानों ने धरना देते हुए यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. पुलिस ने 7 पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में दो केस दर्ज किए थे. पहला केस नाबालिग महिला पहलवान द्वारा की गई शिकायत के आधार पर किया था. जबकि दूसरा केस 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया था.
पुलिस ने पिछले दिनों दोनों मामलों में चार्जशीट दाखिल की थी. नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को क्लीन चिट दी थी. दरअसल, नाबालिग महिला पहलवान अपने बयान से पलट गई थी.
जबकि बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में पुलिस ने रॉउज एवन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A एवं D के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. इसी मामले में कोर्ट ने बृजभूषण को समन भेजकर पेश होने के लिए कहा था.