World Health Day 2022: मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने गुरुवार को कहा कि आज खांसी-जुकाम होने पर भी हर कोई दिल्ली एम्स का रूख करता है. उन्होंने कहा कि देश में आशा कार्यकर्ताओं को वेलनेस सेंटर से जोड़ने की जरूरत है. डॉक्टर त्रेहन ने कहा कि उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को कौशल प्रदान करने के लिए 10 सूत्रीय मॉड्यूल बनाया है.
डॉक्टर त्रेहन ने कहा कि हमारे पास दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर थी. जब आप स्वस्थ थे, तो आपके जीने की संभावना अधिक थी. लोग अभी भी यह नहीं समझते हैं कि वे अस्वस्थ हैं और वे कितने बीमार हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम इस संबंध में भविष्यवाणी कर सकते हैं और बीमारी को रोक सकते हैं तो यह इलाज और पश्चाताप से कहीं बेहतर है.
डॉक्टर त्रेहन ने ये भी कहा कि कोरोना की पहली लहर में हमें समझ में नहीं आया कि लोगों की देखभाल कैसे की जाए, लेकिन पीएम ने उद्योगों से कहा कि प्रवासी कामगारों का ख्याल रखें, लेकिन उन्होंने केवल 3 सप्ताह तक उनकी देखभाल की और फिर उन्हें छोड़ दिया.
गैर संक्रामक बीमारी ज्यादा चिंताजनक: डॉक्टर श्रीनाथ रेड्डी
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के चीफ डॉक्टर श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि हमने गैर-संक्रामक रोगों के कारण लोगों को मरते देखा है. ऐसे मरीजों के कई अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे. उन्होंने कहा कि आपकी स्वास्थ्य प्रणाली ने लोगों की पुरानी बीमारी जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि को नहीं पहचाना तो ऐसी समस्याएं लंबे समय में स्वास्थ्य संकट में योगदान देंगी.
कोवैक्सिन भारत के लिए गेम चेंजर रहा है: डॉक्टर बलराम भार्गव
आईएमसीआर के डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि कोवैक्सिन भारत के लिए गेम चेंजर रहा है. इसमें वैज्ञानिक और हमारे डॉक्टर भी शामिल रहे हैं. सरकार की भूमिका निजी क्षेत्रों की तरह नहीं है. सरकार, समाज और बाजार को एक साथ काम करना है.
हमें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता की आवश्यकता है: डॉक्टर गंगनदीप कांगो
कोरोना जैसी महामारी के भविष्य पर डॉक्टर गगनदीप कांगो ने कहा कि हमें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए निरंतर प्रतिबद्धता की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि क्या हमारे पास कोई टीका है जो वास्तव में देश भर में कहीं भी अस्पताल में भर्ती होने से रोकता है? वह डेटा अभी तक कहीं भी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है.
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