scorecardresearch
 

225 फीट लंबा,150 फीट चौड़ा, सेना दिवस पर लोंगेवाला में फहराएगा दुनिया का सबसे बड़ा खादी का तिरंगा

ये तिरंगा 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है और इसका वजन 1400 किलोग्राम है. इस झंडे को तैयार करने में खादी के 70 कारीगरों को 49 दिन लगे थे. स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से खादी कारीगरों और श्रमिकों के लिए 3500 घंटे का अतिरिक्त काम मिला है.

Advertisement
X
सेना दिवस पर लोंगेवाला में फहराएगा दुनिया का सबसे बड़ा खादी का 'तिरंगा'
सेना दिवस पर लोंगेवाला में फहराएगा दुनिया का सबसे बड़ा खादी का 'तिरंगा'
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है तिरंगा
  • लोंगेवाला में फहराया जाएगा तिरंगा

सेना दिवस पर शनिवार को खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' का राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर फहराया जाएगा. यह तिरंगा लोंगेवाला में प्रदर्शित किया जाएगा, जो 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक युद्ध का मुख्य केंद्र था. 

Advertisement

225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है तिरंगा

तिरंगा 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है और इसका वजन 1400 किलोग्राम है. इस झंडे को तैयार करने में खादी के 70 कारीगरों को 49 दिन लगे थे. स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से खादी कारीगरों और श्रमिकों के लिए 3500 घंटे का अतिरिक्त काम मिला है. झंडे को बनाने में 4500 मीटर हाथ से काते और हाथ से बुने हुए खादी के सूती ध्वजपट का इस्तेमाल किया गया है, जो 33, 750 वर्ग फुट के कुल क्षेत्रफल को कवर करता है. ध्वज में अशोक चक्र का व्यास 30 फीट है. 

खादी का यह 5वां तिरंगा फहराया जाएगा

2 अक्टूबर 2021 को लेह में तिरंगे का अनावरण किया गया था. इसके बाद खादी द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए बनाया गया यह 5वां ध्वज है. दूसरा तिरंगा 8 अक्टूबर 2021 को वायु सेना दिवस के अवसर पर हिंडन एयरबेस पर और 21 अक्टूबर 2021 को लाल किले पर प्रदर्शित किया गया था. उसी दिन भारत में 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का आंकड़ा पूरा किया गया था. 4 दिसंबर 2021 को नौसेना दिवस मनाने के लिए मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास नौसेना डॉकयार्ड में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था. 

Advertisement

तिरंगा भारतीयता की सामूहिक भावना और खादी की विरासत शिल्पकला का प्रतीक है. इस तिरंगे को खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत तैयार किया गया है. ऐतिहासिक अवसरों पर प्रमुख स्थानों पर ध्वज को प्रदर्शित करने के लिए इसे सुरक्षाबलों को सौंपा गया है. 

 

Advertisement
Advertisement