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कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की. अनुराग ठाकुर के साथ पहलवानों की यह बैठक 5 घंटे तक चली. खेल मंत्री द्वारा मिले आश्वासन के बाद पहलवान 15 जून तक अपना आंदोलन टालने के लिए तैयार हो गए हैं. आइए जानते हैं कि सरकार और पहलवानों के बीच किन बातों पर सहमति बनी.
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. वे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं. उधर, दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो केस दर्ज किए हैं. इन मामलों में जांच चल रही है.
दरअसल, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया था. ठाकुर का बुलावा स्वीकार करते हुए ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा बैठक में पहुंचे थे. इस दौरान पहलवानों ने प्रमुख रूप से तीन मांगों को सरकार के सामने रखा था.
1- बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी हो.
2- पहलवानों की मांग थी कि कुश्ती संघ का निष्पक्ष चुनाव हो. पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण के परिवार का कोई भी सदस्य कुश्ती संघ में नहीं होना चाहिए.
3- 28 मई की घटना को लेकर पहलवानों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं.
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की और 15 जून तक अपना आंदोलन स्थगित करने पर सहमत हो गए हैं. पहलवानों को आश्वासन दिया गया है कि 15 जून तक सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की जाएगी और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव जून के अंत तक होंगे.
- पुलिस बृजभूषण के खिलाफ 15 जून तक जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करेगी.
- 30 जून तक डब्ल्यूएफआई के चुनाव कराए जाएंगे.
- 28 मई की घटना के लिए पहलवानों पर दर्ज केस वापस लिए जाएंगे.
- WFI की ICC का गठन किया जाएगा और एक महिला इसका नेतृत्व करेगी.
जांच पूरी होने तक नहीं करेंगे आंदोलन- पहलवान
- खेल मंत्री से मिलने के बाद बजरंग पूनिया ने बताया कि सरकार के साथ बातचीत हुई है. 15 जून तक पुलिस को प्रक्रिया पूरी करने को बोला है. तब तक हम कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे. जो केस हमारे खिलाफ हुए हैं, वो वापस लिए जाएंगे. जो भी संगठन हमारे साथ जुड़े हैं, उनसे चर्चा करेंगे और आगे की जानकारी देंगे. 15 तारिख तक पुलिस का जो भी प्रोसेस है, उसे पूरा होने के बाद हमें बताया जाएगा.
- साक्षी मलिक ने भी बताया कि हमें 15 जून तक पुलिस द्वारा अपनी जांच पूरी करने तक अपना विरोध स्थगित करने के लिए कहा गया है.
- समाचार एजेंसी के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के 2 मामलों में जांच कर रही दिल्ली पुलिस की SIT अगले हफ्ते तक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर सकती है.
- पुलिस के मुताबिक, अब तक जुटाए गए साक्ष्य अगले सप्ताह तक कोर्ट में पेश किए जाएंगे. फिलहाल मामले की जांच चल रही है और और बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
- SIT ने अब तक मामले में 180 लोगों से सवाल जवाब किए हैं. पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ताओं, गवाहों, सिंह के सहयोगियों, कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों समेत 180 लोगों से एसआईटी ने अब तक पूछताछ की है.
- इन लोगों से शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों और एफआईआर में दर्ज घटनाओं के बारे में पूछताछ की गई है. अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस फिर से बृजभूषण के दिल्ली और गोंडा स्थित घर से और सबूत इकट्ठा करने के लिए जा सकती है.
- पुलिस के मुताबिक, मामला बेहद संवेदनशील है और सभी तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कर जांच की जा रही है. कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया जा रहा है और जांच के दौरान इकट्ठा किए गए वीडियो और फोटो की पूरी तरह से जांच की जा रही है.
23 अप्रैल से आंदोलन कर रहे पहलवान
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने जनवरी में पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों का धरना खत्म हो गया था. इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे. इसके साथ ही एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी. पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं.
पुलिस ने 28 मई को धरना स्थल से हटाया
इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था. इसके साथ ही पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट पर मामला भी दर्ज किया था.
नाबालिग ने बदला बयान
बृजभूषण पर यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल लिया है. अपने बयान में पहले जहां नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था तो वहीं अब उसने बयान में बदलाव करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
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