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जंतर-मंतर से हटाए गए रेसलर्स अब आगे क्या करेंगे? जानिए विनेश-बजरंग और साक्षी मलिक से

पहलवानों ने रविवार को नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत करने का ऐलान किया था. पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद जंतर मंतर पर ही भारी सुरक्षाबल तैनात कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी. रविवार को पहलवानों ने नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर जंतर-मंतर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान पहलवानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई हुई. 

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विनेश फोगाट और साक्षी मलिक (फोटो- पीटीआई)
विनेश फोगाट और साक्षी मलिक (फोटो- पीटीआई)

दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार को जमकर बवाल हुआ. कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर मंतर से संसद तक मार्च निकाल रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई. इसके बाद पुलिस ने विनेश-साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया और जंतर मंतर को खाली करा दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने जंतर मंतर पर धारा 144 लागू कर दी है और कहा है कि अब पहलवानों को दोबारा वहां लौटने नहीं दिया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पहलवानों की आगे की रणनीति क्या होगी?

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दरअसल, पीएम मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. उधर, पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत करने का ऐलान किया था. दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद जंतर मंतर पर ही भारी सुरक्षाबल तैनात कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी. रविवार को पहलवानों ने नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर जंतर-मंतर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान पहलवानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई हुई.

धरना, संसद मार्च, धक्का-मुक्की और FIR... पहलवानों के प्रोटेस्ट में पिछले 24 घंटे में क्या-क्या हुआ?
 

पहलवानों पर केस दर्ज, पुलिस ने खाली कराया जंतर मंतर

इस बवाल के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर को खाली करा दिया, जहां एक महीने से प्रदर्शन जारी था. पुलिस का कहना है कि अब पहलवानों को दोबारा वहां लौटने नहीं दिया जाएगा. पुलिस ने बताया कि दिल्ली से 700 लोगों को हिरासत में लिया गया था. वहीं, तीनों पहलवानों समेत 109 को जंतर मंतर से हिरासत में लिया गया. हालांकि, शाम को ही विनेश फोगट, साक्षी मलिक समेत सभी महिला प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया. 

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इसके बाद पुलिस ने विनेश-साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया और अन्य के खिलाफ पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई, दंगा करने और ड्यूटी पर तैनात पब्लिक सर्वेंट के काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है. 

अब आगे क्या करेंगे पहलवान?

आंदोलन खत्म नहीं हुआ- साक्षी मलिक

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने ट्वीट कर जंतर-मंतर पर अपना धरना जारी रखने की कसम खाई. उन्होंने ट्वीट किया, "हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है... हम अपना सत्याग्रह जंतर-मंतर से शुरू करेंगे. इस देश में तानाशाही नहीं होगी, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा.''

घर जाने का मतलब नहीं- पूनिया

बजरंग पूनिया ने कहा, जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक घर जाने का कोई मतलब ही नही है, मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा और हम सब मिलकर तय करेंगे कि आगे क्या करना है. उन्होंने कहा, यह इस देश का दुर्भाग्य है कि एक एक यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुआ. दिल्ली पुलिस ने हमपर 7 घंटे में FIR दर्ज कर दी लेकिन इन्हें बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लग गए. 

विनेश फोगाट ने साधा दिल्ली पुलिस पर निशाना

विनेश फोगाट ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है ? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. एक नया इतिहास लिखा जा रहा है. 

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धरने की मिल सकती है इजाजत- दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने बताया, कल के प्रदर्शन को लेकर पहलवानों से बातचीत की गई थी पर इन्होंने (पहलवानों ने) कुछ भी सुनने से मना कर दिया. उसके बाद इन्हें हिरासत में लेना पड़ा. हमने शांतिपूर्ण तरीके से इन्हें हिरासत में लिया है. अगर ये कहीं और प्रदर्शन करने की इजाजत मांगेंगे तो इजाजत दी जा सकती है, लेकिन इन्हें जंतर-मंतर पर बैठने नहीं दिया जाएगा. 

23 अप्रैल से धरना दे रहे पहलवान

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवान जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं. इससे पहले 18 जनवरी को पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. तब पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं. साथ ही बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की भी मांग की है.

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  • क्या प्रोटेस्ट कर रहे पहलवानों को जंतर-मंतर से हटाने का पुलिस का एक्शन सही है?

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