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भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तीन महीने में दूसरी बार पहलवानों के निशाने पर आ गए हैं. देश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल दिला चुके पहलवानों ने पिछले चार दिन से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब एक दर्जन रेसलर शामिल हैं.
पहलवानों की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है. इस याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. उधर, पहलवानों के आरोपों से जुड़े सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह चुप्पी साध गए. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने पहलवानों के धरने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कई खाप पंचायतों ने भी जंतर-मंतर पर पहुंचकर पहलवानों को समर्थन दिया. आइए 10 सवाल जवाब में जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है?
1- आश्वासन के बाद खत्म हुआ था धरना
इस पूरे मामले को समझने के लिए हमें तीन महीने पहले यानी जनवरी का रुख करना पड़ेगा. 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे़ बड़े पहलवानों को पटखनी देने वाले करीब 30 रेसलर धरना देने के लिए जुटे थे. इन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं.
1- कौन कौन पहलवान दे रहे धरना?
धरना करने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
बजरंग पूनिया- टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता हैं. उन्होंने कॉमनवेल्थ 2022 में गोल्ड जीता था. बजरंग पूनिया कॉमनवेल्थ गेम्स में 2 गोल्ड समेत 3 मेडल जीत चुके हैं. पूनिया वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में 4 मेडल जीत चुके हैं. बजरंग ने 2013 और 2019 के चैम्पियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. वहीं 2018 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वह सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे थे.
साक्षी मलिक- रियो ओलंपिक पदक विजेता हैं. साल 2014 में हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 58 किग्रा वर्ग में साक्षी ने रजत पदक जीता था. साक्षी ने इसके बाद साल 2015 में दोहा में हुई सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में 60 किग्रा में कांस्य पदक जीता था.
विनेश फोगाट- एशियाड और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता हैं. वे हरियाणा के भिवानी जिले से आती हैं. एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली महिला भारतीय पहलवान हैं. वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था.
सुमित मलिक- राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता.
सवाल 3- महिला रेसलर्स की क्या-क्या शिकायतें?
23 अप्रैल से पहलवान दोबारा धरने पर बैठे हैं. पहलवानों ने अब जांच कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं. विनेश फोगाट ने कहा, मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब. उन्होंने कहा, नहीं पता कि अध्यक्ष ब्रजभूषण को बचाने के लिए कौन लोग उनका साथ दे रहे हैं. पहलवानों का दावा है कि कमेटी की रिपोर्ट सब्मिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है यह हमें बताया जाना चाहिए. कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं पता?
- पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज की जाए.
सवाल 4- दिल्ली पुलिस पर क्यों सवाल उठा रहे पहलवान?
7 महिला पहलवानों ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने मामले में अब तक FIR दर्ज नहीं की.
सवाल 5- दिल्ली पुलिस ने क्यों नहीं दर्ज की FIR ?
दिल्ली पुलिस ने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी गई है. पुलिस के मुताबिक, अब तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 शिकायतें मिली हैं. इनकी जांच की जा रही है. पुलिस का कहना है कि कि पुख्ता सबूत सामने आने के बाद FIR दर्ज की जाएगी.
सवाल 6- सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख है?
पहलवानों की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है. इस याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा, यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत है. वहीं, रेसलर्स की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा, इस केस में जो कुछ हुआ है, उसका हलफनामा दिया है. कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी.
सवाल 7- खाप पंचायतों समेत पहलवानों के समर्थन में कौन कौन?
रेसलर बजरंग पूनिया ने इस बार साफ कर दिया है कि धरने पर कोई भी उन्हें समर्थन देने पहुंच सकता है. उन्होंने कहा, सभी पार्टियों का स्वागत है, यहां तक की बीजेपी का भी. यहां कोई वोट मांगने के लिए नहीं आ रहा है. इस धरने का चुनाव से कोई संबंध नहीं है. हम यहां राजनीति करने नहीं आए हैं. ऐसे में पहलवानों के इस धरने को हरियाणा की खाप ने समर्थन किया है. इतना ही नहीं कई किसान संगठन भी खुलकर पहलवानों के समर्थन में आ गए हैं. इसके अलावा जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी खिलाड़ियों को समर्थन दिया है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा भी पहलवानों के धरने को लेकर केंद्र पर निशाना साध चुके हैं.
सवाल 8- केंद्र सरकार की ओर से अब तक क्या क्या कदम उठाए गए?
- जनवरी में खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म किया था. मंत्री अनुराग ठाकुर ने धरना दे रहे पहलवानों से मुलाकात की थी. इस दौरान पहलवानों ने 4 मांगों को रखा...
1- IOA यौन उत्पीड़न के मामलों में जांच के लिए कमेटी बनाए.
2- WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह इस्तीफा दें.
3- कुश्ती महासंघ भंग किया जाए.
4- कुश्ती महासंघ चलाने के लिए पहलवानों के साथ विचार कर नई कमेटी बनाई जाए.
पहलवानों को सरकार से मिले ये भरोसे
- पहलवानों से मुलाकात के बाद अनुराग ठाकुर ने बताया कि रेसलर्स द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
- जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण WFI के कार्यों से दूर रहेंगे.
- इस मामले में जांच के लिए दो कमेटी बनाई गई हैं. पहली कमेटी भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष अध्यक्ष पीटी ऊषा ने बनाई. कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम हैं. इस कमेटी में मैरीकॉम के अलावा डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 वकील शामिल हैं.
- दूसरी कमेटी खेल मंत्रालय ने बनाई. इस ओवरसाइट कमेटी की अध्यक्ष भी एमसी मैरीकॉम हैं. कमेटी में उनके अलावा योगेश्वर दत्त, तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल हैं. बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया गया.
- अब दूसरी बार पहलवानों के धरने को देखते हुए इंडियन रेसलिंग फेडरेशन (WFI) के 7 मई से होने वाले चुनाव रोक दिए गए हैं. ओलिंपिक्स एसोसिएशन चुनाव के लिए एक एग्जिक्यूटिव कमेटी बनाएगी. कमेटी WFI का कामकाज भी देखेगी.
सवाल 9- बृजभूषण शरण सिंह का क्या है कहना?
बृजभूषण शरण सिंह से जब पूछा गया कि पहलवानों ने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस पर उन्होंने कहा, ''चिंता मत करिए, चिंता मत करिए...बैठक बहुत बढ़िया हुई, सब चुनाव जीत रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में मामला है, तो क्या बोला जाए. मामला सुप्रीम कोर्ट में है, वही तय करेगा.''
इससे पहले जनवरी में बृजभूषण शरण ने कहा था, यौन उत्पीड़न कभी नहीं हुआ. अगर एक भी एथलीट सामने आया और यह साबित कर दिया तो मैं खुद फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं.
महासंघ के 'तानाशाह' की तरह काम करने के आरोपों पर बृजभूषण शरण ने कहा था कि ना (खिलाड़ी) ट्रायल देंगे, ना नेशनल लेवल पर लड़ेंगे. दिक्कत तब होती है जब फेडरेशन नियम बनाता है. ये खिलाड़ी जो आज धरने पर बैठे हैं, उनमें से एक भी नेशनल में नहीं लड़ा. उन्होंने कहा, ये मेरे खिलाफ एक साजिश है. इसमें एक बड़े उद्योगपति का हाथ है.
सवाल 10 - क्या है बृजभूषण शरण सिंह की ताकत?
बृजभूषण सिंह पूर्वांचल की सियासत में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं और बाहुबली भी हैं. ठाकुर समुदाय के बीच उनकी ठीक-ठाक पकड़ है. बस्ती और देवीपाटन मंडल में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता हैं. बृजभूषण सिंह खुद छह बार के सांसद हैं. इसके अलावा उनकी पत्नी केतकी सिंह भी सांसद रह चुकी हैं और बेटा दो बार से विधायक है.
बृजभूषण शरण सिंह यूं तो 1991 में आनंद सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े और पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद से गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से सांसद रह चुके हैं. राममंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी से जुड़े और अयोध्या में बाबरी विध्वंस में भी शामिल रहे. बृजभूषण सिंह का बीजेपी में एक बाहुबली नेता के रूप में उदय था, जिन्होंने पहलवानी अखाड़े से लेकर सियासी रणभूमि तक अपनी ताकत का एहसास कराया. पहलवानी से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तक और बीजेपी से लेकर सपा तक बाहुबली नेता बृजभूषण ने हर बार खुद को सियासी दुनिया का बाहुबली साबित किया है.
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बृजभूषण सिंह 2011 में रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बने थे. उसके बाद से लगातार तीन बार से वो अध्यक्ष बन रहे हैं. आखिरी बार बृजभूषण सिंह 2019 में अध्यक्ष बने थे. उनका कार्यकाल इस साल ही खत्म होने वाला है.