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'न्याय में देरी के पीछे किसका दबाव?', पहलवानों के धरने में जंतर-मंतर पहुंचे सचिन पायलट

राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट दिल्ली में हैं. पायलट जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के धरने में भी पहुंचे और इंसाफ की लड़ाई में साथ होने का भरोसा दिलाया. उन्होंने ये भी कहा कि हमें फिर से ये सोचना होगा कि न्याय मिलने में हो रही इस देरी के पीछे किसका दबाव है? 

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सचिन पायलट (फाइल फोटोः पीटीआई)
सचिन पायलट (फाइल फोटोः पीटीआई)

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान धरना दे रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोपी डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण को तत्काल गिरफ्तार किए जाने की भी मांग कर रहे हैं.

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धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में अब राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट भी खुलकर आ गए हैं. सचिन पायलट शुक्रवार को जंतर-मंतर पर जारी पहलवानों के धरने में पहुंचे. सचिन ने न्याय की इस लड़ाई में साथ का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि जब देश का नौजवान, किसान, पहलवान खुश नहीं होगा तो देश खुशहाल नहीं होगा.

सचिन पायलट ने कहा कि यदि युवाओं को समय पर न्याय नहीं दिया जाता तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें फिर से ये सोचना होगा कि न्याय मिलने में हो रही इस देरी के पीछे किसका दबाव है. राजस्थान सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने साथ ही ये भी कहा कि पहलवानों की मांग जितनी जल्दी संभव हो, पूरी की जानी चाहिए.

उन्होंने ये भी कहा कि कानून के मुताबिक समय पर कार्रवाई की जानी चाहिए. इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी जंतर-मंतर पहुंचकर धरना दे रहे पहलवानों से मुलाकात की थी. सुरजेवाला ने इसके बाद ट्वीट कर 'बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ' नारे को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज करते हुए कहा था कि इसकी हकीकत जंतर-मंतर पर दिख रही है.

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पहलवानों ने दिया है 15 दिन का अल्टीमेटम

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों ने अपनी मांगों को लेकर 21 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. पहलवानों ने सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो 21 मई के दिन हम बड़ा फैसला ले सकते हैं. हम आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए जंतर-मंतर से निकल भी सकते हैं. पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से भी समर्थन मांगने की बात कही है.

पहलवानों के समर्थन में खाप और किसान

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों को खाप और किसान का समर्थन पहले ही मिल चुका है. किसान नेता राकेश टिकैत के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता, बड़ी तादाद में महिला किसान और खाप के प्रतिनिधि भी जंतर-मंतर पहुंचे थे. किसान नेताओं और खाप ने भी सरकार को पहलवानों की मांग जल्द एक्शन लेने की चेतावनी दी थी और कहा था कि कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन करेंगे.

23 अप्रैल से धरना दे रहे पहलवान

डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. इसके बाद ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया था. पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी पत्र लिखकर इंसाफ की लड़ाई में साथ देने की अपील की थी.

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