कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों धरना चौथे दिन भी जारी है. कल मंगलवार को पहलानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है और शुक्रवार तक जवाब तलब किया है. इस बीच शीर्ष भारतीय पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की इच्छा व्यक्त की है. बुधवार को पहलवानों ने कहा कि उनसे मिलने के बाद प्रधानमंत्री उनका दर्द समझ सकेंगे.
आजतक/इंडिया टुडे से बात करते हुए ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि वह चाहती हैं कि प्रधानमंत्री उनसे मिलें. रोहकत की 30 वर्षीय पहलवान ने कहा, "हम चाहते हैं कि मोदी जी हमें बुलाएं और मिलें. शायद हमारी आवाज उन तक नहीं पहुंच रही है. हम उनसे मिलना चाहते हैं और अपनी समस्याओं के बारे में बताना चाहते हैं."
वहीं कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं. उन्होंने कहा, "शायद हमसे मिलने के बाद वह देश की बेटियों का दर्द देख पाएंगे. पीएम मोदी मन की बात करते हैं, लेकिन उन्हें बेटियों के मन की बात भी सुननी चाहिए."
फिर धरने पर बैठे हैं पहलवान
पहलवानों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस एफआईआर नहीं लिख रही है. वीनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत कई पहलवान 4 दिनों से दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इनका आरोप है कि कुश्ती संघ के पहलवानों की सुनवाई नहीं हो रही है.
बृजभूषण सिंह ने कुछ भी बोलने से किया इनकार
खिलाड़ियों का कहना है कि केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछली बार मध्यस्थता करके खिलाड़ियों को समझाया था, जिसके बाद धरना खत्म हो गया था, लेकिन इस बार अनुराग ठाकुर भी पहलवानों की सुध नहीं ले रहे हैं. उधर, बृजभूषण सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है और कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए कुछ नहीं बोलेंगे.
दूसरी बार धरने पर बैठे पहलवान
बता दें कि 8 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम कर चुके करीब 20 रेसलर्स ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. रेसलर्स के पास महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोपों की लंबी लिस्ट थी. प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, सरिता मोर और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल थे.
इसके बाद खेल मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया था. मंत्रालय की सिफारिश पर पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. इस दौरान मंत्रालय की ओर से यौन उत्पीड़न समेत लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था. अब तीन महीने बाद रविवार यानी 23 अप्रैल को पहलवानों ने फिर से मोर्चा खोल दिया.
कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
पहलवानों ने अब खेल मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं. विनेश फोगाट ने बताया था, मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब. अध्यक्ष ब्रजभूषण के लिए कहा कि नहीं पता उनको बचाने के लिए कौन लोग उनका साथ दे रहे हैं. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और मौजूद सभी पहलवानों ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट सबमिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है कमेटी को बताना चाहिए. कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं पता.