scorecardresearch
 

लगातार आए साइक्लोन खतरे की घंटी, बड़ी तबाही से बचने की करनी होगी तैयारी, एक्सपर्ट ने चेताया

कोरोना की दूसरी लहर पहले ही कहर बरपा रही है, अब दो-दो साइक्लोन ने आफत बढ़ा दी. पहले साइक्लोन ताउते और अब साइक्लोन यास ने हाहाकार मचाया है. पर्यावरण विशेषज्ञ और लेखक अमिताव घोष ने इंडिया टुडे से बात की और इनके पीछे के कारणों को गिनाया. 

Advertisement
X
साइक्लोन ताउते के बाद साइक्लोन यास का कहर (फोटो: PTI)
साइक्लोन ताउते के बाद साइक्लोन यास का कहर (फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना के कहर के बीच साइक्लोन का संकट
  • पश्चिमी और पूर्वी छोर पर बढ़ी परेशानी
  • क्लाइमेट चेंज का असर दिखना शुरू हुआ: एक्सपर्ट

कोरोना जैसी महामारी का सामना कर रहे भारत में बीते कुछ हफ्ते चुनौतीपूर्ण रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर पहले ही कहर बरपा रही है, अब दो-दो साइक्लोन ने आफत बढ़ा दी. पहले साइक्लोन ताउते और अब साइक्लोन यास ने हाहाकार मचाया है. ऐसा क्यों हो रहा है कि अचानक लगातार साइक्लोन आ रहे हैं, इसपर पर्यावरण विशेषज्ञ और लेखक अमिताव घोष ने इंडिया टुडे से बात की और इनके पीछे के कारणों को गिनाया. 

अमिताव घोष के मुताबिक, ‘बंगाल की खाड़ी में लगातार साइक्लोन आते रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा बदलाव अरब सागर में हुआ है. अरब सागर काफी जल्दी गर्म हुआ है, इसलिए लगातार ऐसे तूफान आ रहे हैं. हाल ही में गोवा में था, जहां समुद्र का पानी सामान्य के मुकाबले गर्म था, जो संकेत दे रहा है.’ 

‘खतरे की घंटी हैं लगातार आए साइक्लोन’
कुछ ही दिनों में दो साइक्लोन आने पर अमिताव घोष ने कहा कि ये खतरे की घंटी है, हम उम्मीद कर रहे थे कि क्लाइमेट के मोर्चे पर चीज़ें बदल रही हैं, लेकिन ये काफी तेज़ी से हो रहा है. 

साइक्लोन ताउते को लेकर अमिताव घोष ने कहा कि हम कुछ हदतक लकी और अनलकी दोनों ही रहे, अनलकी इसलिए क्योंकि इसने केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, दमन-दीव में कहर ढहाया लेकिन लकी इसलिए क्योंकि साइक्लोन की आंख (केंद्र) तट से काफी दूर था. अगर कोई साइक्लोन ऐसा आए जिसका केंद्र तट के निकट हो तो बड़ी तबाही होगी, आने वाले वक्त में ऐसा दिख सकता है. 

Advertisement


‘समुद्र किनारे हो रहा निर्माण चिंता का विषय’
मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों पर साइक्लोन के असर को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञ ने कहा कि कोलकाता समुद्री इलाके से कुछ हद तक दूर है, लेकिन फिर भी उसपर हाल की वर्षों में साइक्लोन का काफी भारी असर हुआ है. 

उन्होंने कहा कि लेकिन अगर मुंबई को देखें, तो वो बिल्कुल समुद्र के पास है ऐसे में अगर यहां कोई बड़ा साइक्लोन आता है तो यहां काफी असर होगा, क्योंकि मुंबई का काफी हिस्सा समुद्री हिस्से पर ही बना है. मुंबई-गोवा जैसे शहरों में समुद्र के आसपास जिस तरह से निर्माण हो रहा है, वो खतरनाक है. आने वाले वक्त में ये तबाही का कारण बनेंगे. 

 


अमिताव घोष ने चेताया कि हमें भूल जाना चाहिए कि अब नॉर्मल वक्त आएगा, क्योंकि महामारी के बाद सबकुछ बदल गया है. अब क्लाइमेट चेंज अपना रूप दिखा रहा है, ऐसे में हमें तैयार रहना होगा. 

आपको बता दें कि कोरोना संकट के बीच बीते दिनों साइक्लोन ताउते ने महाराष्ट्र-गुजरात में अपना कहर बरपाया, दोनों ही राज्यों में नुकसान हुआ और आम लोगों की जान गई. वहीं, अरब सागर में नावों के फंस जाने से भी दर्जनों लोगों की मौत हो गई. वहीं, अब बंगाल की खाड़ी से आए साइक्लोन यास ने ओडिशा, बंगाल में खौफ का माहौल बनाया हुआ है.  

Advertisement

 

 

Advertisement
Advertisement