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क्या नए वैरिएंट से आएगी कोरोना की नई लहर, बढ़ते मामले कितने चिंताजनक? जानिए डॉ. गुलेरिया से जरूरी सवालों के जवाब

देश में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. बढ़ते मामलों को लेकर बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि बढ़ते मामलों को लेकर घबराने वाली कोई बात नहीं है.

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डॉ. गुलेरिया ने कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर कही अहम बात
डॉ. गुलेरिया ने कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर कही अहम बात

देश में जहां एक तरफ H3N2 के मामले बढ़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कोविड के मामलों में उछाल आया है. कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या चार महीने बाद सबसे अधिक हो गई है. कोरोना वायरस के मामलों की ये रफ्तार डरा रही है. देश में अब कुल एक्टिव मामलों की संख्या 7 हजार के पार पहुंच गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों का भी जायजा लिया. भारत में बुधवार को कोरोना वायरस के 1,134 नए मामले दर्ज किए गए, जो 138 दिनों में सबसे अधिक है.

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कोविड के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कुछ अहम बातें कहीं हैं. डॉक्टर गुलेरिया से कहा कि नया XBB.1.16 वैरिएंट और तेजी से फैल सकता है और इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. डॉक्टर गुलेरिया ने कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर क्या कहा ,आइए जानते हैं-

सवाल- तेजी से बढ़ते मामले कितने चिंताजनक हैं?
डॉ. गुलेरिया- कोरोना वायरस के नए वैरिएंट XBB.1.16 की वजह से इस समय संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. इससे गंभीर बीमारी या मौत का खतरा नहीं है.

सवाल- नया वैरिएंट कितना खतरनाक है?
डॉ. गुलेरिया- नए वैरिएंट आते रहेंगे क्योंकि वायरस समय के साथ स्वरूप बदलता रहता है और एक्सबीबी 1.16 एक तरह से 'समूह का नया बच्चा' है. जब तक वायरस के इन वैरिएंट्स से गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति और मौत का खतरा नहीं, तब तक ठीक है क्योंकि आबादी को हल्की बीमारी से कुछ हद तक प्रतिरोधक क्षमता मिलती है.

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सवाल- कोविड और इन्फ्लूएंजा एक साथ हो सकता है?
डॉ. गुलेरिया - वायरस समय के साथ विकसित होता है, और यह कोविड और इन्फ्लूएंजा दोनों के साथ होता है और इसे एंटीजेनिक बहाव कहा जाता है. यह धीरे-धीरे विकसित होगा, थोड़ा सा रूप बदलेगा और नए वैरिएंट सामने आएंगे. जब कोविड अपने चरम पर था तो इसके अल्फा, बीटा, गामा डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट सामने आए थे. इसलिए वायरस बदलता रहता है.  अगर हम इस बात पर नजर डालें कि पिछले एक साल में क्या हुआ है, तो पता चलेगा कि हमें जो वैरिएंट मिले हैं वो मूल रूप से केवल ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट हैं.  इसलिए ऐसा लगता है कि वायरस थोड़ा स्थिर हो गया है, यह उतनी तेजी से वैरिएंट नहीं बदल रहा है जितना अतीत में था.

सवाल- क्या अगले कुछ दिनों में कोविड के एक्सबीबी 1.16 वैरिएंट की लहर आ सकती है?
डॉ. गुलेरिया -
आप मामलों की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं लेकिन फिर हो सकता है कि ये सामने ही नहीं आएं क्योंकि शुरु में लोग बहुत सतर्क थे और खुद जाकर जांच कराते थे.' अब भले ही उनमें फ्लू जैसे लक्षण हों, अधिकांश लोग अपना टेस्ट नहीं कराते हैं. अब बुखार-सर्दी-खांसी के लक्षणों के बाद भी अधिकांश लोग जांच नहीं करा रहे हैं. कुछ लोग रैपिड एंटीजन जांच करा लेते हैं और संक्रमण की पुष्टि होने के बाद भी वे इसके बारे में नहीं बताते हैं. इसलिए जो नंबर में रिपोर्ट कर रहे हैं वो वास्तविक संख्या से कम हो सकती है.

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सवाल- रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर क्या करें?
डॉ. गुलेरिया-
जिनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती है उन्हें इसकी जानकारी जरूर साझा करनी चाहिए क्योंकि इससे नीति निर्माताओं और सरकार को वास्तविक में मामलों की संख्या जानने और निर्णय लेने एवं रणनीति बनाने में मदद मिलती है.

सवाल- बढ़ते मामले कितने चिंताजनक हैं?
डॉ. गुलेरिया- अगर आपको मामलों में उछाल देखने को मिलता है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि जब तक अस्पताल में भर्ती कराने की स्थिति तथा मृत्यु की आशंका का जोखिम नहीं है, तब तक सही है. अस्पताल और सामुदायिक दोनों स्तरों पर सक्रिय निगरानी की आवश्यकता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या मामलों की संख्या और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि हुई है. ऐसे करने से समय पर रोकथाम रणनीतियों और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू किया जा सके.

प्रसिद्ध पल्मोनोलॉजिस्ट और राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स का हिस्सा रहे गुलेरिया का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जबकि सक्रिय मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बुधवार को अपडेट किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोविड के मामलों की संख्या 7,026 हो गई है.


 

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