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Yaas साइक्लोन का ऐसा डर, पटरी पर जंजीर से बांधे गए ट्रेन के पहिए

तूफान में ट्रेनों की पूरी सुरक्षा की जा रही है. पहियों में जंजीर है तो लोहे के गुटके भी लगाए जा रहे हैं. कोई कसर न रहे इसलिए हैंडब्रेक भी लगा कर रखा गया है. चक्रवातीय तूफान यास की आहट दिखने लगी है. समुद्र में उफान है. लहरें शोर कर रही हैं. बादल गरजने लगा है.

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जंजीर से बांधी गई ट्रेन (फोटो- आजतक)
जंजीर से बांधी गई ट्रेन (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बंगाल में तूफान की आहट से सरकार चौकन्नी
  • खतरे को कम करने के किए जा रहे हैं उपाय

YAAS तूफान की आहट को देखते हुए कई ट्रेन रद्द कर दी गई हैं. हावड़ा के पास शालीमार रेलवे साइडिंग में खड़ी ट्रेनों को जंजीर से बांध कर रखा गया है, ताकि खड़ी ट्रेन हवा के जोर से चल न पड़े. मोटी-मोटी जंजीर से ट्रेन के पहियों को बांधी गई है. पटरी से बांध कर ताले जड़े गए हैं. बंगाल की खाड़ी में उठा समुद्री तूफान यास बुधवार को बंगाल में आने वाला है. इससे निपटने की तैयारी युद्ध स्तर पर हो रही है. कई ट्रेनें रद्द हो गई हैं. ट्रेनों को यार्ड में भेजा गया है. शालीमार रेलवे साइडिंग में खड़ी ट्रेन को जंजीर से बांधा गया है. ताकि तूफानी हवा में खड़ी ट्रेन चलने न लगे. 

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तूफान में ट्रेनों की पूरी सुरक्षा की जा रही है. पहियों में जंजीर है तो लोहे के गुटके भी लगाए जा रहे हैं. कोई कसर न रहे इसलिए हैंडब्रेक भी लगा कर रखा गया है. चक्रवातीय तूफान यास की आहट दिखने लगी है. समुद्र में उफान है. लहरें शोर कर रही हैं. बादल गरजने लगा है. बूंदाबांदी शुरू हो गई है. तूफान की रफ्तार भी 100 किलोमीटर से ज्यादा रहने के आसार हैं और ऐसे में डर है कि कहीं बिना ड्राइवर पटरी पर न दौड़ने लगे. 

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ताजा हालात को लेकर मीडिया से बात करते हुए बताया कि अभी तक नौ लाख लोगों को फ्लड रिलीफ सेंटर और स्कूलों तक पहुंचाया गया है. म्यूनिसपैलिटी, ब्लॉक स्तर और पंचायत स्तर पर लगातार 24*7 मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अलावा वो मुख्य सचिव, गृह सचिव और जिलाधिकारियों के साथ सीधे संपर्क में है. 

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ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने कई जिलों के डीएम से बात की है. हमलोग आज (मंगलवार) रात नाबन्नान (राज्य सचिवालय) में होंगे. कल हमलोग इसके प्रभाव को लेकर चर्चा करेंगे. आज रात से या बुधवार सुबह से भारी बारिश होगी. पूर्णिमा के दौरान यानी कि आज हाई टाइड देखे जा सकते हैं. यह चिंता का विषय है. गंगा का पानी कोलकाता में घुसेगा. बाढ़ जैसे हालात पर नजर बनाए रखा है. 74, 000 प्रदेश के अधिकारी को हालात पर नजर बनाए रखने के लिए लगाया गया है. 

उन्होंने कहा कि दो लाख पुलिस और होम गार्ड्स सिचुएशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जबकि तीन लाख लोगों को राहत आदि काम के लिए तैयार रखा गया है.इसमें NDRF, BDO, SDO, डॉक्टर और नर्स भी शामिल हैं. अगर जरूरत हुई तो सेना से भी मदद ली जाएगी.

बैजनाथ झा की रिपोर्ट...

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