विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भले ही चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश दल एक हो गए हैं लेकिन क्या वास्तव में ये एक हुए हैं? इस सवाल का जवाब होली के एक कार्यक्रम में मिल गया. मौका होली कार्यक्रम का था. सैफई परिवार के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव समेत पूरा कुनबा कार्यक्रम जुटा था. मंच पर चाचा-भतीजे भी थे. करीब डेढ़ घंटे तक अखिलेश और शिवपाल मंच पर साथ बैठे रहे लेकिन बातचीत तो दूर अभिवादन तक नहीं हुआ.
मंच पर सबसे पहले समाजवादी पार्टी के थिंकटैंक कहे जाने वाले रामगोपाल यादव पहुंचे. उसके बाद अखिलेश यादव पहुंचे और थोड़ी ही देर बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सपा गठबंधन में शामिल शिवपाल यादव भी पहुंच गए. शिवपाल ने मंच पर पहुंचकर रामगोपाल यादव के पैर छूकर, हाथ जोड़कर अभिवादन किया. थोड़ी देर के लिए शिवपाल अखिलेश की तरफ भी मुखातिब हुए. मंच पर शिवपाल और रामगोपाल एक सोफे पर थे और रामगोपाल के बगल में अखिलेश यादव मौजूद थे.
डेढ़ घंटे तक साथ रहे, लेकिन नहीं हुई बातचीत
डेढ़ घंटे तक मंच के एक कोने में पारंपरिक फाग के गीत गाए जा रहे थे, लेकिन शिवपाल और अखिलेश पास पास बैठ कर भी दूर थे. दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. शिवपाल और रामगोपाल जरूर आपस में बातचीत करते दिखे. दोनों कई बार हंसी-ठिठोली भी करते नजर आए. उधर, रामगोपाल और अखिलेश यादव के बीच तो बातचीत हुई लेकिन शिवपाल और अखिलेश के बीच अभिवादन का भी वार्तालाप नहीं हुआ.
उधर, जैसे ही मुलायम सिंह यादव कार्यक्रम में पहुंचे, अखिलेश ने अपना सोफा छोड़ दिया और बगल की कुर्सी पर बैठ गए. मुलायम सिंह यादव के मंच पर पहुंचते ही अखिलेश यादव ने उनके पैर भी छुए आशीर्वाद भी लिया. मुलायम सिंह यादव के कार्यक्रम में पहुंचते ही होली शुरू हुई. रामगोपाल यादव भी फाग गाने के लिए पहुंच गए और आग्रह करने पर शिवपाल ने भी माइक संभाला और फाग के गीत में आवाज दी.
कार्यकर्ताओं पर फूल फेंककर मुलायम ने की होली की शुरुआत
मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं पर फूल फेंक कर होली की शुरुआत की. इसके बाद मंच से अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव रामगोपाल और शिवपाल सभी ने कार्यकर्ताओं पर फूल बरसाए और कार्यकर्ताओं ने भी अपने नेता पर फूल बरसा कर होली की बधाई दी. इस दौरान भी अखिलेश और शिवपाल के बीच दूरी दिखाई पड़ी. फूलों के होली में थोड़ी देर शिरकत करने के बाद शिवपाल सबसे पहले कार्यक्रम छोड़ कर चले गए.
मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं को होली की बधाई दी और नसीहत दी कि नए जोश के साथ 2024 की तैयारी करनी है. बीजेपी को टक्कर सिर्फ समाजवादी लोग ही दे सकते हैं, इसलिए नतीजों से घबराना नहीं है कमियों को दूर कर नए जोश से लड़ाई में जुटना है.
कार्यक्रम के अंत में अखिलेश और मुलायम सिंह यादव साथ ही निकले. कार्यक्रम भले ही होली मिलन का था, आपसी मतभेद भुलाकर गले मिलने का था, लेकिन इतना तो साफ हो गया कि समाजवादी पार्टी के मुलायम कुनबे में अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है. चाचा-भतीजे के बीच दलों की दूरी भले ही कम हो गई हो लेकिन दिल की दूरी बरकरार है.
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