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गलवान झड़प का एक साल: बॉर्डर पर अड़ा है चीन, भारतीय सेना भी जवाब देने को तैयार

भारतीय सेना पिछले एक साल से लद्दाख में 50,000 सैनिकों के साथ तैनात है. इस तैनाती में ज़रा भी बदलाव नहीं आया, जबकि यहां तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे गिर जाता है. ऐसे में साफ जाहिर है कि भारत, चीन का सामना करने के लिए हर तरह से तैयार है और लगातार खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है. 

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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से जारी है. (फाइल फोटो)
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से जारी है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 11 दौर की सैन्य वार्ता के बाद भी पैंगोंग में कोई सफलता नहीं
  • 50 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना तैनात
  • चीनी सेना ने हाल ही में सीमा पर किया युद्ध अभ्यास

गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प को एक साल होने को है. बीते साल 15 जून को लद्दाख की बर्फीली गलवान नदी के किनारे दोनों देशों के बीच हुई सैन्य झड़प में दोनों ही तरफ जनहानि हुई थी. जिसके बाद अभी भी चीन बॉर्डर पर तैनात है. वहीं भारतीय सेना भी खुद को मजबूत करने में पूरी तरह जुटी हुई है. जानकारी के मुताबिक सेना ने लद्दाख में 50,000-60,000 सैनिकों की मौजूदा तैनाती को अधिक समय तक बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित किया है.

इसी साल फरवरी में पैंगोंग में जब एक बार फिर चीनी सेना ने जैसे ही खुदाई करना शुरू किया, भारतीय सेना ने मौके पर उसे रोकते हुए खुद को चीन का सामना करने के लिए तैयार कर लिया. बता दें कि कोर कमांडर लेवल पर 11 दौर की सैन्य वार्ता के बाद भी पैंगोंग में कोई सफलता नहीं मिली है.

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भारतीय सेना पिछले एक साल से लद्दाख में 50,000 सैनिकों के साथ तैनात है. इस तैनाती में ज़रा भी बदलाव नहीं आया, जबकि यहां तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे गिर जाता है. ऐसे में साफ जाहिर है कि भारत, चीन का सामना करने के लिए हर तरह से तैयार है और लगातार खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है. 

वहीं भारतीय सैनिक सिर्फ जमीन पर ही मौजूद नहीं हैं बल्कि चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रणनीति में बदलाव और निगरानी को बढ़ाया गया है. इसमें पैंगोंग झील में तैनात की जाने वाली नई नावें भी शामिल हैं. 

इसी बीच जानकारी आ रही है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में अपनी तैनाती को एक बार फिर बढ़ा दी है. इसके साथ ही चीनी वायु सेना ने हाल ही में भारतीय सीमा के करीब एक बड़ा युद्ध अभ्यास किया. इस अभ्यास के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं.

दोनों देशों के बीच बातचीत के दौरान चीनी पक्ष डेमचोक के पास विवादित क्षेत्रों गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स, देप्सांग प्लेंस और सीएनएन जंक्शन से हटने के लिए अनिच्छा दिखा रहा है. भारत की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि विवादित क्षेत्रों पर चीन के पीछे हटने की सूरत में ही भारत सैनिकों को पीछे हटाने पर विचार करेगा.

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भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने भी लद्दाख सेक्टर और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ अन्य पहाड़ी इलाकों में ग्रीष्मकालीन तैनाती करनी शुरू कर दी है. भारतीय और चीनी दोनों सेनाओं ने पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रखी है. शुगर सेक्टर, सेंट्रल सेक्टर और उत्तर पूर्वी सीमाओं में सैनिकों की तैनाती को भी मजबूत किया गया है.

 

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