योग गुरु रामदेव आईएमए से हुए विवाद को विराम देने के मूड में नजर आ रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा है कि देश आयुर्वेद का मजाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं करेगा.
रामदेव ने ट्वीट कर लिखा है, ''यदि एलोपैथी में सर्जरी व लाइफ सेविंग ड्रग्स हैं तो शेष 98% बीमारियों का योग-आयुर्वेद में स्थायी समाधान है, हम इंटीग्रेटेड पैथी के पक्ष में हैं. योग-आयुर्वेद को स्यूडो-साईंस और अल्टरनेटिव थैरेपी कहकर मजाक उड़ाना व नीचा दिखाने की मानसिकता को देश बर्दाश्त नहीं करेगा.''
रामदेव ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ''हमारा अभियान ऐलोपैथी व श्रेष्ठ डाक्टर्स के खिलाफ नहीं है हम इनका सम्मान करते हैं,उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ है जो 2 रुपये की दवाई को 2000 रुपये तक बेचते हैं और गैरजरूरी आपरेशन व टेस्ट तथा अनावश्यक दवा का धंधा करते हैं. हम इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं.''
फोर्डा का काला दिवस मनाने का ऐलान
हालांकि डॉक्टरों की तरफ से इस विवाद को लेकर नरम रुख फिलहाल सामने नहीं आया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बाद फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने बाबा को पहले ही कानूनी नोटिस थमा दिया है. अब फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने 1 जून को देश भर में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है.
रामदेव ने एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर उठाए थे सवाल
बता दें कि योग गुरु रामदेव ने हाल ही में एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर उठाए थे. उनके एक बयान को लेकर विवाद बढ़ गया था. आईएमए ने रामदेव के बयान पर नाराजगी जताई थी. बंगाल में आईएमए ने रामदेव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. रामदेव ने भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे थे. विवाद बढ़ने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने एलौपैथी पर दिए गए अपने बयान पर खेद जताया था और अपना बयान वापस ले लिया था. IMA ने रामदेव के बयान पर कड़ी आपत्ती जताई है और कहा है कि भ्रम फैलाने से बड़ी आबादी का नुकसान होगा.