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Gaming App पर टीम बनाई और सो गया, देर रात आंख खुली तो बन चुका था करोड़पति; जानिए होमगार्ड की किस्मत पलटने वाली कहानी

Home guard became a millionaire: पुलिस वाहन के ड्राइवर विवेकानंद सिंह गेमिंग ऐप से कुछ महीने पहले ही रूबरू हुए थे, वह भी उन्हें उनके घर के आसपास रहने वाले कुछ छोटे-छोटे बच्चों ने सिखाया था. उन्हीं बच्चों ने सिखाया था कि कैसे ऐप में टीम भी बनाई जाती है. फिर क्या वह पिछले 2 महीने से लगातार इन गेमिंग ऐप पर टीम बना रहे थे.

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विवेकानंद बने रातो-रात करोड़पति.
विवेकानंद बने रातो-रात करोड़पति.

दुनिया के सबसे महंगे क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का अगाज 31 मार्च को हो चुका है. जैसे ही आईपीएल के 16वें संस्करण की धमाकेदार शुरुआत हुई, तमाम क्रिकेट प्रेमियों के लिए मानो त्यौहार की शुरुआत हो गई. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाले विवेकानंद सिंह के लिए तो आईपीएल का यह संस्करण कभी न भूलने वाला साबित हुआ, क्योंकि होमगार्ड पद पर तैनात विवेकानंद को आईपीएल ने महज कुछ घंटों के भीतर करोड़पति बना दिया. साथ ही एक लग्जरी कार का मालिक भी बना दिया.  

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दरअसल, आईपीएल के 16वें सीजन की शुरुआत होते ही तमाम ऑनलाइन गेमिंग एप्स भी सक्रिय हो जाते हैं. अपने पसंदीदा खिलाड़ियों द्वारा इन एप्स का प्रचार करते देख सभी लोगों को इन एप्स पर भरोसा भी हो जाता है. इन ऐप के ज़रिए घर पर बैठे दर्शक मैच का तो लुफ्त उठाता ही है. साथ ही अपने लिए एक टीम बनाता है. एक से अधिक वह 20 टीम बना सकता है.

₹30 लगाए और जीते 1 करोड़   

सबसे ज्यादा प्रचलन वाला कॉन्टेस्ट 49 रुपए में विनिंग अमाउंट 2 करोड़ रुपए तक होता है और 30 रुपये में 1 करोड़ तक मिलता है. यदि प्रतिभागी की चुनी गई टीम बेहतर प्रदर्शन करती है और वह अपने चुने हुए पूल में टॉप पोजीशन पर होता है, तो उसे उस टॉप पोजीशन की तय की गई धनराशि उपहार स्वरूप मिलती है.

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छोटे बच्चों ने सिखाया टीम बनाना 

अब बात करें गोरखपुर सिकरीगंज थाने में तैनात डायल-112 चलाने वाले ड्राइवर विवेकानंद सिंह की, तो वह गेमिंग ऐप से कुछ महीने पहले ही रूबरू हुए थे. वह भी उन्हें उनके घर के आसपास रहने वाले कुछ छोटे-छोटे बच्चों ने सिखाया था. उन्हीं बच्चों ने सिखाया था कि कैसे ऐप में टीम भी बनाई जाती है? फिर क्या वह पिछले 2 महीने से लगातार इन गेमिंग एप पर टीम बनाने लगे थे. 

डूब चुके थे 8 हजार रुपए

विवेकानंद सिंह ₹49 से लेकर ₹150 तक अधिक से अधिक पैसा लगाते थे. इससे अधिक उन्होंने कभी लालच नहीं दिखाया, लेकिन निरंतरता कायम रखी. ऐसा वह कुछ महीने से लगातार करते आ रहे थे. इस क्रम में उनके कुछ महीनों में 7 से ₹8000 डूब चुके थे. लेकिन जब उनकी किस्मत में करोड़पति बनना लिखा था, तो इसको कौन काट सकता था. वह गंवाए हुए इन रुपयों की परवाह ना करते हुए निरंतर टीम बनाते रहे. ऐसा ही कुछ सोमवार की रात चेन्नई और लखनऊ के बीच होने वाले मैच में भी हुआ.

आंख खुली तो बन चुका था करोड़पति

बकौल विवेकानंद सिंह, ''मैंने मैच शुरू होने से पहले टीम बनाई और उसके बाद अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त हो गया. फिर 9 बजे तक खाना खा कर सो भी गया. इसके बाद 12 बजे मध्य रात्रि में आंख खुलती है और फोन को जैसे ही हाथ लगाता हूं कि एक अलर्ट मैसेज फ़्लैश होता है. मैसेज में जानकारी मिलती है कि बनाई गई टीम उस पूल में एक करोड़ रुपए की धनराशि जीती है और साथ ही साथ एक लग्जरी कार भी जीती है.''  ये भी पढ़ें:- ₹49 से बनाए 1.50 करोड़: कोलकाता Vs पंजाब मैच से बदली किस्मत  

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8 अप्रैल को खाते में आएगी राशि

इस मैसेज को देखते ही विवेकानंद सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ. लेकिन उसके अगले दिन उस ऐप की तरफ से फोन आया, जिसमें उन्हें काफी जानकारी दी गई और उनसे एक फोटोग्राफ उपलब्ध कराने को कहा गया. विवेकानंद सिंह की मानें तो ऐप की तरफ से बताया गया कि उनके पैसे इसी महीने की 8 तारीख को अकाउंट में डाल दिए जाएंगे.

बधाइयों का लग गया तांता

2 भाई और 2 बहनों में छोटे विवेकानंद सिंह कि किस्मत मानो खुल गई. उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जबकि उनके विभाग के लोग उन्हें बधाई भरा मैसेज दे रहे हैं. इसी क्रम में आईजी कार्यालय से भी उन्हें बधाई संदेश पहुंचा. विवेकानंद सिंह के पिताजी किसान थे और वह अब इस दुनिया में नहीं हैं.

खेती-किसानी में लगाएंगे पैसे

होमगार्ड विवेकानंद सिंह ने बताया कि वह उन सारे पैसों का गेमिंग एप में नहीं लगाएंगे, बल्कि उन पैसों का अच्छी जगह इन्वेस्ट करेंगे. वह किसानी और खेतीबाड़ी करेंगे अर्थात उन पैसों का सदुपयोग करेंगे और अपने घर की स्थिति को मजबूत करेंगे. 

 

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