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Youtube वीडियो लाइक करें और पैसे कमाएं... क्या आपको भी आ रहे हैं ऐसे मैसेज? हो जाएं अलर्ट

व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश में कहा जाता है कि आप हमारी कंपनी का हिस्सा बने और सिर्फ प्रतिदिन 5 मिनट काम करने पर आपको प्रतिदिन ₹500 से लेकर ₹10,000 तक भुगतान किया जा सकता है. यूट्यूब पर सब्सक्राइबर बढ़ाने या लाइक करने की एवज में अगर कोई पैसे देने का लुभावना ऑफर देता है तो उस पर कई बार लोग विश्वास कर बैठते हैं.

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सकारात्मक फोटो
सकारात्मक फोटो

आप घर में कुछ काम कर रहे हैं या दफ्तर जा रहे हैं अपने दोस्तों के साथ बात कर रहे हैं, तभी अचानक व्हाट्सएप पर कुछ अनजान नंबरों से आपको संदेश आने लगते हैं. ऐसे नंबर जिनकी शुरुआत होती है +50378865524 या +1 226 870 59 से और आपको संदेश करने वाला खुद को इन्फो एज लिमिटेड एनबी एजेंसी इंडिया मार्केटिंग का अधिकारी बताता है. ऐसे संदेशों में खुद की पहचान करने वाली ज्यादातर अपना नाम लड़कियों के नाम पर आते हैं जैसे अलीशा, शिवानी, नताशा और न जाने कितने नामों का इस्तेमाल किया जाता है. ‌

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इस व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश में कहा जाता है कि आप हमारी कंपनी का हिस्सा बने और सिर्फ प्रतिदिन 5 मिनट काम करने पर आपको प्रतिदिन ₹500 से लेकर ₹10,000 तक भुगतान किया जा सकता है. 5 मिनट घर बैठे मेहनत करने पर अगर कोई ₹500 से लेकर ₹10,000 प्रतिदिन दे तो आखिर ऐसे झांसे में कौन नहीं आएगा?

तुरंत पैसा बनाने की स्कीम का रहस्य क्या? ‌
लेकिन पुरानी कहावत है कि दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं है और हर चीज की एक कीमत होती है तो आखिर व्हाट्सएप पर आने वाले ऐसे संदेशों में तुरंत पैसा बनाने की स्कीम का रहस्य क्या है? ‌
  
इसकी पड़ताल करने के पहले आपको यह भी बता दें कि डिजिटल मीडिया के इस आधुनिक दौर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे कई माध्यम है जहां पर लोगों को वीडियो अपलोड करने के एवज में काफी मोटे पैसे मिलते हैं और डिजिटल मीडिया सोशल मीडिया आजकल नए स्टार्टअप्स और युवाओं के लिए कमाई का प्रमुख जरिया भी बन गया है. 

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इसलिए यूट्यूब पर सब्सक्राइबर बढ़ाने या लाइक करने की एवज में अगर कोई पैसे देने का लुभावना ऑफर देता है तो उस पर कई बार लोग विश्वास कर बैठते हैं. 

अकोला जिले में रहने वाले रहबर को भी आया मैसेज
कुछ इसी तरह का संदेश महाराष्ट्र के अकोला जिले में रहने वाले रहबर शेख को भी आया, जहां पर उन्हें अमेरिका के एक नंबर से संदेश भेज कर कहा गया कि वह प्रतिदिन हजार रुपए कमा सकते हैं. इसकी एवज में उन्हें यूट्यूब पर सब्सक्राइबर बढ़ाने होंगे और वीडियो लाइक करना होगा. रहबर से कितने जागरूक थे कि उन्हें साइबर फ्रॉड के बारे में काफी कुछ पता था और उन्होंने इस मैसेज को देखते ही उसे ब्लॉक कर दिया.
 
इसी तरह का संदेश दिल्ली के रहने वाले साहिल को भी आया था, जहां उन्हें ₹3000 प्रतिदिन कमाने का मौका था. साहिल ने बताया कि जैसे ही मुझे अनजान नंबर से यह संदेश आया मैंने इसको तुरंत ब्लॉक कर दिया. ऐसे संदेश अक्सर आपके साथ साइबर फ्रॉड कर जाते हैं.

यह भी पढ़ें: Scam WFH: तेजी से फैल रहा वर्क फ्रॉम होम फ्रॉड, 100 लोगों की जुबानी, स्कैमर्स ने जाल में फंसा कर लूटे 2.5 करोड़
  
आम नागरिकों की बात तो छोड़िए व्हाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भेजे जाने वाले ऐसे संदेश खास लोगों तक भी पहुंच रहे हैं. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल टेस्टिंग हाउस के महानिदेशक डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव को भी इसी तरह से संदेश भेजा गया था, जहां उन्हें यूट्यूब पर लाइक करने के बदले में पैसे देने का ऑफर दिया गया. 

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डॉक्टर आलोक श्रीवास्तव बताते हैं कि पहले तो व्हाट्सएप पर मेरी तस्वीर का गलत इस्तेमाल करते हुए फ्रॉड करने की कोशिश की गई और उसके बाद मुझे व्हाट्सएप पर संदेश भेजें जाने लगे जिसमें कहा गया कि यूट्यूब वीडियो लाइक करने पर मुझे पैसे मिलेंगे. उपभोक्ता मंत्रालय के तहत आने वाले विभाग में बतौर महानिदेशक डॉ. श्रीवास्तव कहते हैं कि लोगों को ऐसे संदेशों से जागरूक रहना चाहिए. अक्सर यह साइबर फ्रॉड होता है, जिसमें लोग लालच के चक्कर में अपनी गाढ़ी कमाई गंवा बैठते हैं. ‌

कैसे चलाया जाता है फ्रॉड का पूरा रैकेट? 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी दिल्ली के रहने वाले एक निवासी को इसी तरह यूट्यूब वीडियो लाइक करने का संदेश आया और उस ट्रैप में उसने लाखों रुपये गंवा दिए. 

तो आखिर इन संदेशों के पीछे सच्चाई क्या है और क्या वाकई इनके जरिए लोग पैसे कमाते हैं? आखिर यह पूरा ऑपरेशन कैसे चलाया जाता है? 
  
इस पूरे मामले को समझने के लिए आजतक संवाददाता आशुतोष मिश्रा ने उन्हीं नंबरों के साथ आगे बातचीत शुरू की जब उनके पास खुद ऐसे संदेश आने लगे जिसमें कहा गया था कि यूट्यूब वीडियो लाइक करने के एवज में उन्हें प्रति वीडियो ₹50 का भुगतान किया जाएगा. ‌

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संवाददाता को भेजे गए इस संदेश में संदेश भेजने वाला खुद को इन्फो एज लिमिटेड के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट का मैनेजर शिवानी के नाम से प्रस्तुत करता है और +503 7886 5524 नंबर से संदेश भेजता है.‌

संदेश भेजने वाला कहता है कि वह पहले व्हाट्सएप पर भेजे गए यूट्यूब वीडियो को लाइक करें और उसका स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप पर भेजे. मामले को विस्तार में समझने के लिए संवाददाता ने उन वीडियो को लाइक किया और उसका स्क्रीनशॉट उसी नंबर के व्हाट्सएप पर साझा किया.

 
संदेश भेजने वाले और खुद को शिवानी कहने वाले उस व्हाट्सएप नंबर ने तुरंत संवाददाता से कहा कि अब उसे एक जॉब कोड भेजा जा रहा है जिसे अब टेलीग्राम पर साझा करना होगा. उस नंबर पर एक टेलीग्राम प्रोफाइल भेजी गई और कहा गया कि जॉब कोड अब टेलीग्राम की उस प्रोफाइल पर साझा करना है और यहीं से उसे पैसे दिए जाएंगे. ‌

व्हाट्सएप पर बातचीत करते करते अचानक टेलीग्राम क्यों? 
आखिर साइबर फ्रॉड में टेलीग्राम का इस्तेमाल क्यों किया जाता है. यह समझने के लिए हमने एथिकल हैकर और देश के अलग-अलग एजेंसियों के साथ काम करने वाले निलेश पुरोहित से समझने की कोशिश की. एथिकल हैकर और साइबर एक्सपोर्ट नीलश पुरोहित बताते हैं कि टेलीग्राम पर अभी भी गोपनीयता काफी हद तक बरकरार रखी जा सकती है.

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इंक्रिप्टेड होने के नाते अभी भी भारतीय एजेंसियां या कोई भी पुलिस एजेंसी टेलीग्राम पर संदेश भेजने वालों को ट्रैक करने में काफी मुश्किल झेलती है क्योंकि टेलीग्राम का इंटरेक्शन कोठी ऐसा है कि वहां संदेश भेजने वालों को ट्रेस करना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में साइबर फ्रॉड के लिए इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है. 
  
टेलीग्राम पर जानकारी साझा करना खतरनाक
भारत के टॉप साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल भी बताते हैं कि जैसे ही कोई आपको टेलीग्राम पर संदेश भेजने या अपनी निजी जानकारी साझा करने को कहें लोगों को समझ जाना चाहिए कि यहां पर खतरा हो सकता है क्योंकि जैसे ही आप टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप पर अपने बैंक अकाउंट डिटेल साझा करते हैं संभव है कि वहां पर अवैध तरीके से आपके बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन हो जाए और आपका सारा पैसा निकाल लिया जाए. 

इन्वेस्टिगेशन के दौरान जैसा कि व्हाट्सएप नंबर ने संवाददाता से कहा उसी अनुसार टेलीग्राम के उस अकाउंट पर हमने जॉब कोड भेजा. उस टेलीग्राम अकाउंट के प्रोफाइल पर एक नाम लिखा हुआ था आयसिया देवी. प्रोफाइल पर तस्वीर अनजानी थी और नाम भी संदिग्ध था. खुद को आयसिया देवी कहने वाले इस टेलीग्राम अकाउंट ने संवाददाता से अपने काम के बदले व्हाट्सएप नंबर द्वारा भेजा गया जॉब कोड मांगा. व्हाट्सएप पर यूट्यूब वीडियो लाइक का स्क्रीनशॉट साझा करने के बाद संवाददाता को एक जॉब को दिया गया था ht586 जिसे हमने टेलीग्राम के उस प्रोफाइल अकाउंट को भेज दिया.
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अब उस टेलीग्राम प्रोफाइल ने संवाददाता से उनकी बायोलॉजिकल जानकारी यानी कि नाम उम्र जेंडर और व्यवसाय के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी. 

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एथिकल हैकर के साथ मिलकर ऑपरेशन
इस पूरे मिक्सर का पता लगाने के लिए संवाददाता ने एथिकल हैकर के साथ मिलकर एक ऑपरेशन के तहत उस टेलीग्राम प्रोफाइल पर एक आईपी ट्रैकर अपनी बायोलॉजिकल जानकारी के साथ भेज दिया इस संभावना के साथ कि जैसे ही टेलीग्राम प्रोफाइल उस लिंक पर क्लिक करेगा हमें उसकी आईपी एड्रेस और उसकी लोकेशन का पता लग जाएगा. 
    
आयसिया देवी नाम के उस टेलीग्राम प्रोफाइल हैंडल ने संवाददाता की बाकी प्रोफाइल जानकारी पड़ी लेकिन टेलीग्राम पर भेजे थे उस लिंक को छुआ भी नहीं. एक आम आदमी आमतौर पर ऐसे संदेश में जो गलती करता है उस टेलीग्राम हैंडल ने नहीं की. 
  
एथिकल हैकर निलेश बताते हैं कि ऐसे साइबर क्राइम से जुड़े हुए लोग आम आदमियों की तरह भोले-भाले नहीं बल्कि बेहद चालाक सतर्क और प्रशिक्षित होते हैं. उन्हें पता होता है कि देश की अलग-अलग पुलिसिंग एजेंसियां उन्हें प्राप्त करने के लिए इस तरह आईपी ट्रैकर लिंक भेजती हैं इसलिए वह किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने की गलती नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें पता है इससे उनकी पहचान सार्वजनिक हो जाएगी और आज नहीं कल वह कानून की चपेट में आ जाएंगे. 

बायोलॉजिकल जानकारी साझा करने के बाद उसी टेलीग्राम अकाउंट में संवाददाता से उनकी बैंक का अकाउंट डिटेल यानी कि बैंक अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड साझा करने को कहा जिसमें उन्होंने वादा किया कि यूट्यूब वीडियो लाइक करने के एवज में जो कमाई हुई है वह सैलरी उसी अकाउंट में साझा करेंगे. ‌
  
सरकार करती रही है आगाह
सरकार लगातार आम नागरिकों को यह बताती रही है कि किसी भी अपरिचित शख्स से अपने बैंक अकाउंट डिटेल साझा ना करें. अनजान टेलीग्राम अकाउंट से जैसे ही बैंक अकाउंट नंबर मांगा गया हमें उस पर शक हुआ और समझ में आ गया कि यही स्कैन की शुरुआत होती है. आज तक संवाददाता ने उस टेलीग्राम हैंडल से कहा कि हमारे पास बैंक अकाउंट नहीं है ऐसी स्थिति में उनसे पेटीएम बैंक का अकाउंट की डिटेल साझा करने को कहा गया. 
 
जब हमने उस टेलीग्राम प्रोफाइल को बताया कि हमारे पास किसी भी तरह का बैंक अकाउंट नहीं है तो उस टेलीग्राम हैंडल ने यह कह दिया कि हम उनकी नौकरी के काबिल ही नहीं है यानी हमारी योग्यता उनके प्लेटफॉर्म पर पैसा कमाने की नहीं है. संभवत उस टेलीग्राम अकाउंट को यह अंदाजा लग गया कि हम उसे बैंक अकाउंट डिटेल्स आजा नहीं करेंगे इसलिए उन्होंने अपना खेल यही रोक दिया और हमें अयोग्य करार दे दिया. 

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साइबर फ्रॉड द्वारा कमाए गए पैसों का इस्तेमाल कहां होता है? 
अगर आपको याद हो तो कुछ महीने पहले कौन बनेगा करोड़पति के नाम से भी लोगों को अनजान नंबर से फोन कॉल आते थे और उन्हें संदेश भेजकर कहा जाता था कि उन्हें लॉटरी लगी है और पैसा कमाने के लिए उन्होंने कुछ पैसे एक अनजान बैंक अकाउंट में जमा करने होंगे. देश की कुछ एजेंसियों के साथ इस ऑपरेशन पर काम कर चुके नीलेश पुरोहित बताते हैं कि केबीसी के नाम पर जो फ्रॉड हुआ था उसका पैसा देश विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था. कॉल करने वाले ज्यादातर पाक अधिकृत कश्मीर में बैठे एजेंट होते थे, जो बहला-फुसलाकर कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर भारतीयों से पैसे छोटे-छोटे अमाउंट में ऐंठ किया करते थे. ‌

साइबर एक्सपर्ट निलेश कहते हैं कि इस तरह से साइबर फ्रॉड के जरिए कमाया गया पैसा अक्सर देश विरोधी गतिविधियों में ही इस्तेमाल किया जाता है यह हवाला के जरिए भेजा जाता है. 

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल भी बताते हैं कि इस तरह से कमाए गए फ्रॉड के पैसों से हमेशा देश में सुरक्षा को खतरा होता है क्योंकि इसका पैसा देश विरोधी ताकतें हिंदुस्तान के खिलाफ करती रही हैं. 
  
निलेश पुरोहित कहते हैं कि इस तरह के गैंग जामताड़ा और राजस्थान की मेवात इलाके में पनप रहे हैं जो कि देश के दूसरे इलाकों में बैठे बेरोजगार युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं और उन्हें इसी तरह के साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग दे रहे हैं इसलिए इन पर कानूनी शिकंजा कसना बेहद जरूरी है साथ ही लोगों को भी इतना जागरुक होना चाहिए कि अगर कोई उन्हें इंटरनेट के जरिए पैसे देने का वायदा कर रहा हो तो वह उसके झांसे में ना आए क्योंकि नाईट सिर्फ यह उनके सारे पैसे हड़पने की कोशिश हो सकती है बल्कि उन्हीं पैसों का इस्तेमाल देश के खिलाफ भी किया जा सकता है.

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