केरल के कन्नूर जिले के तालासेरी कोर्ट परिसर में जीका वायरस के केस मिले हैं. संक्रमण के कुल 8 मामले सामने आए हैं. ये सभी कोर्ट के कर्मचारी हैं. वकीलों और जजों सहित कर्मचारियों के अस्वस्थ महसूस करने के बाद तालासेरी जिला अदालत को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया. इससे कोर्ट का कामकाज प्रभावित हुआ. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इलाके में गर्भवती महिलाओं पर नजर रख रहा है.
उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों को चेतावनी और दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. मंत्री ने यह भी बताया कि निजी अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है. तालासेरी में जीका वायरस का पहला मामला 30 अक्टूबर को सामने आया था. इसके बाद जिला चिकित्सा अधिकारी और रैपिड रिस्पॉन्स टीम ने 31 अक्टूबर को क्षेत्र का दौरा कर तालासेरी में जीका वायरस से निपटने के लिए जरूरी तैयारियों का जायजा लिया.
तालासेरी में मच्छरों को नष्ट करने के लिए फॉगिंग पर जोर
डिस्ट्रिक्ट मेडिकल अफसर और आरआरटी की टीम ने 1, 2 और 5 नवंबर को भी तालासेरी का दौरा किया था. 1 नवंबर को जिला अदालत में एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था. इसमें 55 लोगों ने अपना परीक्षण कराया था, जिनमें से 24 के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे. पूरे कस्बे में जीका वायरस फैलाने वाले मच्छरों को नष्ट करने के लिए फॉगिंग और छिड़काव किया गया. यहां से एकत्र एडीज मच्छरों और उनके लार्वा सैंपल को जांच के लिए भेजा गया.
आपको बता दें कि जीका वायरस का संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. इससे बचाव में सावधानी बरतनी बेहद जरूरी होती है. आमतौर पर जीका वायरस से संक्रमण कोई बड़ा स्वास्थ्य जोखिम पैदा नहीं करता, लेकिन अगर गर्भवती महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं, तो संभव है कि अजन्मे बच्चे में माइक्रोसेफली (मस्तिष्क का असामान्य विकास) जैसे दोष हों. बच्चों और बुजुर्गों को मच्छरों को लेकर विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए.