गुरुग्राम के सौरव मल्ल ने जोमैटो पर खाना ऑर्डर किया. सौरव ने 'जोमैटो लीजेंड्स' नाम की सब सर्विस से चार डिशेज का ऑर्डर दिया था. इसमें तीन डिश दिल्ली के थे, वहीं एक लखनऊ का था. लखनऊ से उन्होंने ‘गलौटी कबाब’ ऑर्डर किया था. जबकि, जामा मस्जिद से 'चिकन कबाब रोल', कैलाश कॉलोनी से 'ट्रिपल चॉकलेट चीज़ केक', जंगपुरा से 'वेग सैंडविच' का ऑर्डर था. जब कबाब 30 मिनट के भीतर पहुंच गया तो उन्हें हैरानी हुई कि लखनऊ से कबाब 30 मिनट में कैसे आ सकता है? इसके बाद सौरव मल्ल ने जोमैटो के खिलाफ केस ठोक दिया.
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इन शहरों से गर्म खाना पहुंचाने का दावा
दरअसल, 'जोमैटो लीजेंड्स', कोलकाता, हैदराबाद, लखनऊ, जयपुर, बेंगलुरु, मथुरा, चेन्नई और आगरा सहित विभिन्न शहरों के प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट से गर्म खाना पहुंचाने का दावा करती है. लेकिन ग्राहक को यह लगा कि लखनऊ और गुड़गांव के बीच लगभग 500 किलोमीटर की दूरी है, कबाब इतनी जल्दी पहुंच गया, मानो यह आसपास के किसी रेस्टोरेंट से लिया गया था. इसके बाद वकील तिशमपति सेन, अनुराग आनंद और बियांका भाटिया ने जोमैटो पर केस ठोक दिया. जोमैटो को यह साबित करना होगा कि उसने इतनी जल्दी डिलीवरी कैसे कर दी.
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जोमैटो को समन जारी हुआ
सौरव की याचिका पर साकेत की स्थानीय अदालत ने समीक्षा के बाद जोमैटो को समन जारी किया. मल्ल की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि भोजन को संभवतः इतने कम समय में लखनऊ से नहीं ले जाया जा सकता है और सुझाव दिया कि इसके बजाय इसे विभिन्न जोमैटो के गोदामों में रखा गया होगा. उन्होंने यह भी बताया कि भोजन रेस्टोरेंट की बजाय जोमैटो पैकेजिंग में आया था, जिससे खाने के ऑर्डर को लेकर संदेह और बढ़ गया.
याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि मौजूदा दावों के तहत जोमैटो को 'जोमैटो लीजेंड्स' सर्विस जारी रखने से रोका जाए. क्योंकि ऐसा लगता है कि इस तरह के ऑर्डर पर खाना ताजा नहीं होता है और ग्राहकों के साथ धोखा किया जा रहा है.