जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता लालदुहोमा ने शुक्रवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में 73 वर्षीय लालदुहोमा के साथ 11 अन्य लोगों ने भी राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. उनमें से सात ने कैबिनेट मंत्री और चार ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने लालदुहोमा और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. 40 सदस्यीय विधानसभा वाले मिजोरम में मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री हो सकते हैं.
इस कार्यक्रम में मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा और पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला शामिल हुए. कार्यक्रम में एमएनएफ के विधायक दल के नेता लालचंदमा राल्ते सहित सभी 10 नवनिर्वाचित एमएनएफ विधायक शामिल हुए. कार्यक्रम में भाजपा के दो नवनिर्वाचित विधायक और कांग्रेस के एकमात्र विधायक भी मौजूद थे. जेडपीएम विधायक दल के उप नेता के सपडांगा को गृह मंत्री बनाया गया, जबकि लुंगलेई पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से लालरिनपुई मिजोरम में पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनीं. वह स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास और पर्यटन विभाग संभालेंगी.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, लालदुहोमा ने अगले 100 दिनों में लागू होने वाली अपनी नई सरकार के 12 प्राथमिकता कार्यक्रमों की घोषणा की. पूर्व आईपीएस अधिकारी से नेता बने ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार न्यूनतम मूल्य तय करके किसानों से अदरक, हल्दी, मिर्च और ब्रूमस्टिक्स जैसे चार स्थानीय उत्पाद खरीदेगी. किसानों के पास अपने उत्पाद खुद या सरकार को बेचने का विकल्प होगा. यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है."
पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी के रूप में कार्य कर चुके लालदुहोमा ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति "खराब स्थिति" में है, और नई सरकार "अगले वित्तीय वर्ष को समेकन के वर्ष के रूप में घोषित करेगी". उन्होंने कहा, नया बजट जेडपीएम नीतियों पर केंद्रित होगा और सभी मंत्री एक रोडमैप के जरिए अपने विभागों की निगरानी करेंगे, जो पहले ही तैयार किया जा चुका है. उन्होंने कहा, "सभी विभागों को जेडपीएम नीति के अनुरूप बजट तैयार करने का निर्देश दिया जाएगा."
लालदुहोमा ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य भर में विकास परियोजनाओं की निगरानी के लिए मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, चर्चों और चुनाव निगरानी संस्था मिजो पीपुल्स फोरम (एमपीएफ) को शामिल करते हुए समितियां बनाएगी. सरकार सभी मंत्रियों के दफ्तरों में शिकायत और सुझाव पेटियां लगाएगी. मंगलवार को जेडपीएम विधायक दल ने लालदुहोमा को अपना नेता और के सपडांगा को उपनेता चुना. मिजोरम ने अपनी पहली विधान सभा 1972 में चुनी जब यह एक केंद्र शासित प्रदेश था.