कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी वैक्सीनेशन अभियान की गति और तेज करने को लेकर एक राहतभरी खबर है. दवा बनाने वाली देश की कंपनी जायडस कैडिला जल्द ही केंद्र सरकार से वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांग सकती है.
अगर सरकार वैक्सीन को मंजूरी देती है तो फिर भारत के पास दूसरा देसी टीका हो जाएगा. इससे पहले, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को मंजूरी मिल चुकी है और जब से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है, तभी से कोवैक्सिन का इस्तेमाल भी हो रहा है.
7-10 दिनों में कंपनी कर सकती है अप्लाई
सरकार के सूत्रों के अनुसार, जायडस कैडिला ने भारत सरकार को बताया है कि वह कोरोना वैक्सीन (ZyCoV-D) के लिए अगले 7-10 दिनों में इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर मंजूरी पाने के लिए अप्लाई कर सकती है. नीति आयोग (हेल्थ) के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि जायडस कैडिला ने तीसरे फेज की स्टडी के लिए 28 हजार से ज्यादा वॉलेंटियर्स रिक्रूट किए हैं. यह वैक्सीन अपने आप में काफी खास है, क्योंकि दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है. यही तकनीक जायडस की वैक्सीन को दूसरों से अलग बनाती है.
देश में अब तक तीन वैक्सीन
जायडस कैडिला की इस एंटी कोरोना वैक्सीन ने अपने ट्रायल्स पूरे कर लिए हैं. यदि आने वाले समय में वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो फिर देश में चार कोरोना वैक्सीन हो जाएंगी.
इसे भी क्लिक करें --- कोरोना से जंग की तैयारी, वैक्सीन के लिए Cowin पर रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं
अभी पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पुतनिक-वी मौजूद हैं, जिनकी मदद से टीकाकरण अभियान चल रहा है.
क्यों अलग है कैडिला की वैक्सीन
जायडस कैडिला की यह वैक्सीन दुनियाभर की अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग है. दरअसल, ज्यादातर वैक्सीन्स की दो डोज ही लगाई जाती हैं, फिर चाहे कोविशील्ड, स्पुतनिक, कोवैक्सिन आदि क्यों न हों. लेकिन जायडस की इस वैक्सीन की दो नहीं, बल्कि तीन डोजेस लगाई जाएंगी.
कंपनी का कहना है कि वह इमरजेंसी अप्रूवल मिलने के बाद हर महीने एक करोड़ वैक्सीन का प्रोडक्शन करने जा रही है. इस हिसाब से पिछले लंबे समय से वैक्सीन की कमी झेल रहे देश में टीकों की संख्या काफी तेज गति से बढ़ने वाली है. हालांकि, केंद्र सरकार ने भी दावा किया है कि आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी आएगी.