चीन के 300 सैनिकों को अकेले मारने वाले जसवंत सिंह रावत की मदद तवांग की दो बहनों ने की थी. दोनों बहनों को चीनी हमला मंजूर नहीं था और उन्होंने मातृभूमि के लिए बहादुरी के साथ चीन के खिलाफ जसवंत सिंह रावत की मदद की. जसवंत की शौर्यगाथा में 'सेला और नूरा' नाम की दो बहनों का खास जिक्र है. जानें पूरी कहानी.