केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं में चार साल के लिए भर्ती की स्कीम मंगलवार को लॉन्च की. फिलहाल सरकारी नौकरी देने का भरोसा तो है लेकिन गारंटी नहीं. अभी देश के रक्षा बजट में एक बहुत बड़ा हिस्सा वेतन और पेंशन में जाता है. आगे इन अग्निवीरों को पेंशन नहीं देनी पड़ेगी तो क्या सैन्य बजट को संतुलित करने के लिए ही ये स्कीम लाई गई? अगर हां तो फिर उन सदनवीरों की पेंशन और भत्तों पर कैंची क्यों नहीं चलती, जिनके करोड़पति होने के बावजूद देश में सालाना सैकड़ों करोड़ रुपए पूर्व विधायक-पूर्व सांसद की पेंशन पर खर्च किया जाता है. देखें ये रिपोर्ट.
A new short-term recruitment policy for Indian youth to serve in the armed forces. Termed Agnipath, the scheme will enable youngsters aged 17.5 to 21 to be inducted into any of the three services as 'agniveers' for a period of four years.