एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रतापगढ़ पहुंचे थे, प्रतापगढ़ राजा भइया का गढ़ है, मगर यहां अखिलेश ने एक सवाल के जवाब में राजा भइया को पहचानने से ही इनकार कर दिया, अखिलेश के इस तंज़ के मायने बहुत बड़े हैं. अखिलेश का रुख साफ है कि चुनावी मजबूरी भी राजा भइया से दिल की दूरी अब खत्म नहीं कर सकती. राजा भइया की समाजवादी पार्टी से चुनाव में कोई बात नहीं बन सकती है. दरअसल राजा भइया की पहचान यूपी में क्षत्रिय नेता के तौर पर है. प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से राजा भइया 1993 से लगातार विधायक हैं. सूबे में कल्याण सिंह या रामप्रकाश गुप्ता की अगुवाई में बीजेपी सरकार हो या मुलायम और अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सत्ता, राजा भइया मंत्रीपद पर रहे ही रहे. लेकिन 2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान राजा भइया के रिश्ते अखिलेश यादव से तल्ख हो गए और अब बात इतनी बिगड़ी कि प्रतापगढ़ में समाजवादी नेताओं के खिलाफ दर्ज कई मामलों को लेकर अखिलेश राजा भइया को ही जिम्मेदार मानते हैं और इशारों में इस बात को भी उठाते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.
Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav who was on a visit to Pratapgarh on Sunday, disrupted talks of his party joining hands with Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya when he tried to portray as if he did not know who the latter was. Watch the video for more information.