बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी और उन्हें अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोका गया था क्योंकि उन्होंने संविधान में विश्वास की कमी दिखाई थी. देखें इस बारे में याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा.