DRDO ने AFWTD की पहली उड़ान 1 जुलाई को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में भरी. अमेरिका के B2 bomber की तरह दिखने वाला ये ‘घातक’ विमान पूरी तरह से स्वचालित है. भारतीय सेना 3-4 साल में स्वदेशी स्टेल्थ ड्रोन की मदद से सीमाओं पर निगरानी करने लगेगी और आतंकियों के अड्डों पर ‘घर में घुसकर’ हमला करने में सक्षम हो जाएगी. इसे बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ADE) ने बनाया है. यह एक छोटे टर्बोफैन इंजन से उड़ता है. विमान के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी हैं. देखें विमान से जुड़ी खास जानकारी.