कृषि कानूनों के मसले पर सरकार अपने हाथ जला चुकी है. किसानों को लेकर अब विपक्ष के पास थाली में परोसा मुद्दा है तो सरकार के खिलाफ किसान संगठनों का संगठित आंदोलन बदस्तूर जारी है. किसान संगठन तीन कृषि कानूनों की वापसी के साथ अपने आंदोलन से पीछे हट जाते तो सरकार की राजनीतिक लड़ाई फिर भी आसान हो जाती. लेकिन किसान संगठनों की 6 नई शर्तें, सरकार के लिए कृषि कानूनों की वापसी से बड़ा सिरदर्द है. संयुक्त किसान मोर्चा 1 दिसंबर से पहले मांगों को मानने का अल्टीमेटम दे चुका है. 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कानूनों की वापसी का ऐलान किया था तो उन्होंने नई शुरुआत की अपील की थी. लेकिन, ना तो सरकार की अपील का असर है, ना दलील का. बल्कि किसान नेताओं के तेवर वही पुराने हैं, और तो और उनमें अब तो कानूनों की वापसी करा लेने की चमक भी दिख रही है. ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.
Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait on Monday said farmers will not leave the protest site unless a discussion on Minimum Support Price (MSP) and other issues are held. Watch the video for more information.