हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से तीन और अलगाववादी पार्टियों ने खुद को अलग कर लिया है. अब तक कुल 11 पार्टियां हुर्रियत से अलग हो चुकी हैं. केंद्र सरकार की नीति के कारण हुर्रियत नेताओं पर टेरर फंडिंग के आरोप लगे और उनकी संपत्तियां जब्त की गईं. इससे कश्मीर में अलगाववाद कमजोर हुआ है और पत्थरबाजी पर रोक लगी है.