किसान आंदोलन के सामने भारत सरकार कुछ शर्तों के साथ घुटने टेकने को तैयार है. सरकार कृषि कानून में बदलाव करने के लिए तैयार है लेकिन किसान किसी भी कीमत पर, कानून को वापस लेने के अलावा किसी और फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. सरकार दो कदम पीछे लेने के लिए तैयार है लेकिन किसान नहीं. देखें क्या है सरकार का फार्मूला.