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जो देश बन रहे पर्यावरण के 'सरपंच', वही हैं धरती के असल 'गुनहगार'

जो देश बन रहे पर्यावरण के 'सरपंच', वही हैं धरती के असल 'गुनहगार'

दुनिया के विकासशील देशों पर अब जिम्मेदारी आ गई है कि वो पर्यावरण को कम से कम से नुकसान पहुंचाए बिना अपने राष्ट्र का विकास करें. आज जो विकसित देश हैं उन्होंने विकास के लिए पर्यावरण की परवाह किए बगैर कल कारखानों का जंगल लगा दिया, जिससे होने वाले कार्बन उत्सजर्न और जंगलों की कटाई ने दुनिया को आज इस हाल में लाकर खड़ा कर दिया है. आज जो देश विकसित होने का तमगा लगाकर घूम रहे हैं, वही देश धरती के आज के हालात के जिम्मेदार हैं. जो देश 19वीं और 20 सदी में विकास के नाम पर उद्योगों की सूनामी लेकर आए थे, जिनकी फैक्ट्रियों से निकले धुएं ने धरती का तापमान बढ़ा. देखिए ये रिपोर्ट.

The responsibility has now come on the shoulders of developing countries to develop their nation without causing damage to the environment. Countries that are now developed, had built the jungles of factories ignoring environmental health in the past. Watch this report.

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