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किसानों को कैसे मिलेगी 2 जून की रोटी? अच्छी फसल के बावजूद फेंकने को क्यों मजबूर? देखें

किसानों को कैसे मिलेगी 2 जून की रोटी? अच्छी फसल के बावजूद फेंकने को क्यों मजबूर? देखें

दो जून की रोटी यानी वो कहावत, जिसमें कहा जाता है कि बड़े नसीब वाले होते हैं वो लोग जिन्हें दो जून की रोटी मिल जाती है. इस कहावत में दो जून कोई तारीख नहीं बल्कि दो जून का अर्थ है दो वक्त का पेट भर जाना. देश का पेट किसान भरते हैं और वही किसान अपने दो जून की रोटी के लिए फसल उगाते हैं लेकिन फिर उसको फेंकने को मजबूर हो जाते हैं. देखें ये रिपोर्ट.

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