गृहमंत्री अमित शाह ने लता मंगेशकर के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जैसे उगते हुए सूरज, खिलते हुए फूलों का कोई मजहब, कोई धर्म नहीं होता है ठीक उसी तरह लता जी की आवाज का भी कोई मजहब, कोई धर्म और कोई सीमाएं नहीं थी. वो पूरी दुनिया को ईश्वर की देन थीं. उन्होंने आगे कहा कि लता जी से मेरे घनिष्ट रिश्ते रहे हैं और कई बार मेरे जीवन के नाजुक से नाजुक पलों में मुझे ढांढस बंधाया था और उन्होंने जब भी मुझे फोन किया तो फिल्म इंडस्ट्री के लिए किया या संगीत के लिए किया. देखें वीडियो.