लता मंगेशकर नहीं रहीं. कोविड के एक दंश ने आखिरकार भारत की स्वर कोकिला को छीन ही लिया. यूं तो लता मंगेशकर की गायकी के सभी दीवाने थे. देश के प्रति उनका प्यार भी किसी से छुपा नहीं था. देश की आज़ादी से पहले से लेकर देश की आज़ादी के बाद तक, लता जी ने हर मौसम देखा था. वो हमेशा देश को आगे बढ़ते देखना चाहती थीं. बीते साल देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव शुरू होने पर उन्होंने देश के लिए एक संदेश भी भेजा था जो देश के नाम उनका आखिरी संदेश भी साबित हुआ. क्या था ये संदेश? देखिए.