भुवनेश्वर से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी गठबंधन का औपचारिक ऐलान अभी बाकी है लेकिन अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि 2000 से ही ओडिशा की सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक को 15 साल बाद आखिरकार गठबंधन की जरूरत क्यों पड़ रही है?