हल्दीघाटी युद्ध में राणा की वीरता को बीते 445 वर्षों में जनमानस भूल नहीं सका है, भले इतिहास की कुछ किताबों ने उन्हें हारा हुआ योद्धा माना हो. लेकिन अब इतिहास बदल रहा है. अब ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भी इस बात को मान रहा है कि राणा प्रताप हल्दीघाटी की लड़ाई में हारे नहीं थे. ASI ने उस शिलाखंड को हटाने का आदेश दिया है जिसमें राणा प्रताप की हार लिखी गई थी. तीन दिन पहले करणी सेना ने राजसमंद जिले के रक्ततलाई से वो विवादित पट्टी बदल दी जिसमें महाराणा प्रताप के पीछे हटने की बात लिखी थी. देखें ये रिपोर्ट.