जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की बैठक में उनके धर्म गुरु महमूद असद मदनी भावुक हो गए. मौजूदा हालात पर बोलते हुए उनकी आवाज नम पड़ गई. आंखों में आंसू भर आए. मदनी ने कहा कि नफरत के बाजार सजाने वाले लोग मुल्क के दुश्मन हैं. हम आग से आग बुझा नहीं सकते. नफरत को प्यार से हरा सकते हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद असद मदनी ने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे. हम तकलीफ बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर जमीयत उलेमा शांति को बढ़ावा देने और दर्द, नफरत सहन करने का फैसला करते हैं तो ये हमारी कमजोरी नहीं, ताकत है.