हांग-कांग की यूनिवर्सिटी के एक शोध में पता चला है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट, पिछले डेल्टा वेरिएंट से 70 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है लेकिन डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन कम खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये फेफड़ों पर डेल्टा के मुकाबले कम असर डालता है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये वेरियेंट नेचुरल इम्युनिटी और वैक्सीन से बनी एंटी-बॉडीज को मात दे रहा है. ओमिक्रॉन वेरियेंट में वो सारी चीजें हैं जो कोरोना की नई लहर को जन्म देने की ताकत रखती हैं. ओमिक्रॉन के खिलाफ भारत की नीति फिलहाल वेट एंड वॉच वाली है. दुनिया के 35 से ज्यादा देशों में भले ही बूस्टर डोज को ओमिक्रॉन की काट माना जा रहा हो लेकिन भारत अभी भी बूस्टर डोज के बारे में सिर्फ सोच ही रहा है.