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पुलिस अगर चाहती तो क्या त्योहार नहीं बनते सियासत के हथियार?

पुलिस अगर चाहती तो क्या त्योहार नहीं बनते सियासत के हथियार?

महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल के बाद आज बिहार के नालंदा और सासाराम में भी शोभायात्रा निकालने के दौरान हिंसा हुई है. इंडियन फिल्म में सनी द्योल का एक डायलॉग याद करिए. जिसमें वो कहते हैं कि पुलिस अगर चाह ले तो मंदिर के बाहर से एक चप्पल नहीं चोरी हो सकती. तो क्या पुलिस अगर चाह लेती तो त्योहार किसी सियासत के हथियार नहीं बन सकते? देखें ये वीडियो.

After Maharashtra, Gujarat and West Bengal, there has been violence in Bihar's Nalanda and Sasaram during processions. Watch this video to know What is Police's role in this?

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