आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर जातियों में बंटे सनातन को एक करने की भिक्षा यात्रा पर निकले हैं. भिक्षा यात्रा का पड़ाव उत्तराखंड के रुड़की में रहा, जहाँ सैकड़ों लोगों ने सनातनी होकर रहने का व जातियों में ना बंटने का संकल्प लिया.