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2015 से रद्द धारा 66A पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनाई सख्ती, देखें क्या कहा

2015 से रद्द धारा 66A पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनाई सख्ती, देखें क्या कहा

आजतक ने अधिवक्ता संजय पारेख से आईटी अधिनियम के कठोर s66A पर बात की, जिसका उपयोग अभी भी पुलिस और अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, जबकि 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे रद्द कर दिया गया था. अदालत ने 2015 में कहा था कि यह प्रावधान "व्यापक" है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है. शीर्ष अदालत ने अब अपनी पूर्ण शक्ति का प्रयोग किया है और निर्देश दिया है कि s66A के तहत किसी भी लंबित प्राथमिकी या परीक्षण को तुरंत बंद कर दिया जाएगा.

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