सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस शिखर ने एक कार्यक्रम में दिए गए बयान में कहा कि कानून संख्या से चलता है और जहाँ अधिक लोग होंगे, वहीं माना जाएगा. इस विवादास्पद टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. जज ने धार्मिक प्रथाओं और संस्कृति पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच अंतर पर प्रकाश डाला. यह बयान देश में धार्मिक सहिष्णुता और न्यायपालिका की निष्पक्षता पर बहस छेड़ रहा है.