भारत में गर्भपात कानून के तहत विवाहित और अविवाहित महिलाओं में भेद नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच गर्भपात के अधिकार को मिटाते हुए अपने फैसले में कहा है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट से अविवाहित महिलाओं को बाहर करना असंवैधानिक है.