सुशांत की मौत का सच सामने आ चुका है. सुशांत की मौत हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी. ये सच किसी झूठी गवाही और झूठे सबूतों पर आधारित नहीं है. ये सच आधारित है एम्स की रिपोर्ट पर. सिर्फ सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय तरीके से मौत की जांच पर ही सवाल नहीं उठाए गए, बल्कि हर उस तथ्य, व्यक्ति और एजेंसी को कटघरे में खडा करने की कोशिश की गई, जिसने इस मामले में एकतरफा न रह कर, दोनों पक्षों को बराबरी से सामने रखने की कोशिश की. ऐसे ही कुछ मनगढ़ंत आरोप आजतक पर भी लगाए गए. इसलिए कि इस मामले में रिया चक्रवर्ती का इंटरव्यू क्यों दिखाया गया. सोशल मीडिया पर तमाम तरह के झूठ का एक जाल बुना गया. जिसके खिलाफ इंडिया टुडे ग्रूप ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने इस मामले में इंडिया टुडे और आज तक के बारे में फैलाए गए सभी झूठे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए, ट्विटर को ऐसे सभी ट्वीट्स हटाने का निर्देश दिया है. साथ ही ऐसे ट्वीट्स करने वाले लोगों को साफ साफ ताकीद की है कि उन्हें ऐसे मनगढ़ंत और बेबुनियाद ट्वीट्स करने से बचना चाहिए.