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खोता जा रहा दिवाली का पारंपरिक रूप! जानें कैसे उपहारों ने ली दीयों की जगह

खोता जा रहा दिवाली का पारंपरिक रूप! जानें कैसे उपहारों ने ली दीयों की जगह

अब बहुत सारे लोग दिवाली के त्योहार पर दीयों की रोशनी से ज्यादा उपहारों की चमक को महत्व देने लगे हैं. समाज में अब रिश्तों को उपहारों की कीमत से आंका जाता है. परंतु आजकल ऐसा लगता है कि दिवाली अब दीयों का नहीं बल्कि उपहारों का त्योहार बन गई है.

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