वाराणसी में बेटियों की खातिर सदियों पुराने अखाड़े की परंपरा बदल दी गई है. भारत में कुश्ती का खेल पारंपरिक रूप से पुरुषों का खेल माना जाता था लेकिन जब हिंदुस्तान की बेटियों ने ओलंपिक से लेकर इंटरनेशनल इवेंट्स तक में मेडल जीतना शुरू किया तो पूरे भारत की बेटियों को इससे प्रेरणा मिली और इसके बाद वाराणसी में भी अखाड़े के दरवाजे बेटियों के लिए खोल दिये गए. वाराणसी में एक अखाड़ा 480 साल पुराना है. इसका नाम है अखाड़ा तुलसीदास. सुधीर चौधरी के साथ देखिए ये रिपोर्ट.