Protest Against Agnipath Scheme: जनवरी के महीने में रेलवे की एनटीपीसी भर्ती परीक्षा को लेकर जमकर हिंसा बिहार में हुई थी जैसे इस बार जून के महीने में चार दिन से बिहार में ही से ज्यादा हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. जनवरी में मुद्दा रेलवे की परीक्षा से जुड़े एक करोड़ छब्बीस लाख छात्रों के भविष्य का था. इस बार मुद्दा सेना की भर्ती से जुड़े लाखों छात्रों के भविष्य का है. हिंसा किसी की भी हो, विरोध जरूरी है. लेकिन क्या हिंसा होने के चलते बेरोजगार युवाओं की मांग को सीधे खारिज किया जा सकता है? हिंसा जो करे उसके पोस्टर छपे, कार्रवाई हो, जेल भेजा जाए. लेकिन ऐसे हालात क्यों हुए? ये नौबत क्यों यहां तक आ गई? हिंसा की तस्वीरों ने बेरोजगारी औऱ अपने अधिकार के लिए महीनों से शांति पूर्ण तरीके से मांग करते आ रहे युवाओं का सच भी क्या छिपा दिया है?
A fresh wave of violent protests broke out in Bihar’s Begusarai, Buxar, Lakhisarai and in UP’s Ballia district for the second consecutive day, even after the central government offered a one-time relaxation in the upper age limit for the Agnipath scheme for this year. Watch this video to know that why Youth is so angry over government and this scheme.