सुप्रीम कोर्ट ने एक और अहम फैसला सुनाते हुए संजय दत्त की सजा को घटाकर पांच साल कर दी है. इस फैसले के मद्देनजर अब संजय दत्त को जेल जाना होगा क्योंकि संजय दत्त ने अब सिर्फ 18 महीने की सजा काटी है.
गौरतलब है कि मुंबई की टाडा अदालत ने संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत छह साल कैद की सजा सुनायी थी. इसके खिलाफ संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. गौर करने वाली बात यह भी है कि संजय दत्त की कई फिल्में फ्लोर पर है उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है.
1993 मुंबई बम धमाकों के मामले की सुनवाई विशेष टाडा अदालत में 30 जून 1995 को शुरू हुई. करीब 12 साल बाद 18 मई 2007 को इस मामले की सुनवाई खत्म हुई. संजय दत्त टाडा के आरोपों से तो बरी हो गए लेकिन उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत 6 साल की सजा सुनाई गई थी.
1993 में संजय दत्त को एके 56 राइफल रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पहली बार संजय दत्त 19 अप्रैल 1993 को जेल गए थे. लेकिन 18 दिन के अंदर ही उनको जमानत भी मिल गई थी. 5 मई को संजय दत्त को जमानत मिली.
4 जुलाई 1994 को संजय दत्त को दूसरी बार जेल जाना पड़ा. अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा.
दूसरी बार उन्हें सबसे लंबी अवधि के लिए जेल काटनी पड़ी. 18 अक्टूबर को उन्हें जेल से रिहाई मिली. दूसरी बार वो 12 महीने 18 दिन जेल में रहे.
दो साल बाद उन्हें तीसरी बार फिर जेल जाना पड़ा. 31 जुलाई को वो तीसरी बार जेल गए और 22 दिन जेल में रहने के बाद 22 अगस्त को उनकी रिहाई हुई. लेकिन दो महीने बाद ही उन्हें चौथी बार जेल जाना पड़ा.
22 अक्टूबर को जेल जाने के बाद एक बार फिर वो 29 नवंबर को जेल से रिहा होने में कामयाब रहे. चौथी बार उन्हें एक महीना 8 दिन की जेल काटनी पड़ी. यानी चार बार में कुल 17 महीने 6 दिन की जेल काट चुके हैं संजय दत्त.
सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले का डर तो रहा होगा लेकिन उम्मीद कतई नहीं होगी. संजय दत्त को फिर जेल जाना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त के वकील की वो दलील भी खारिज कर दी, जिसमें ये कहा गया था कि संजय दत्त समाज के लिए बहुत काम करते हैं, उनका आचरण भी अच्छा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से संजय दत्त की कुछ फिल्मों का भविष्य भी अधर में अटक गया है. ये फिल्में हैं राजकुमार हीरानी की 'पी के', धर्मा प्रोडक्शन की 'उंगली', एस के रविकुमार की 'पुलिसगिरी' ओर अपूर्व लखिया की 'जंजीर'.