साल 2013 के शुरुआत से ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक के बाद एक कई सीक्वल फिल्में रिलीज हुईं. इनमें कई फिल्में दर्शकों को रास आई तो कई ने पुरानी फिल्मों की छाप को भी धूमिल कर दिया. बहरहाल, एक नजर साल के सीक्वल फिल्मों पर...
2013 की दूसरी सबसे बड़ी सीक्वल फिल्म 20 दिसंबर को रिलीज होनी है. 2004 में धूम, 2006 में धूम-2 के बाद यशराज बैनर अब धूम-3 के साथ धूम मचाने की तैयारी में है. आमिर खान, कटरीना कैफ, अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा के इस मल्टीस्टारर फिल्म को प्री-रिलीज दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.
राकेश रोशन ने आखिरकार कृष को भारत का पहला सुपरहीरो बना ही दिया. बेटे ऋतिक रोशन के साथ 2003 में कोई मिल गया, 2006 में कृष के बाद राकेश 2013 के अक्टूबर कृष-3 लेकर आए. फिल्म ने बेहतरीन कमाई की, जबकि देसी स्पेशल इफेक्ट्स को दर्शकों की खूब सराहना मिली.
रामगोपाल वर्मा ने 1998 में रिलीज अपनी फिल्म सत्या की भद खुद पिटवाई. अक्टूबर में रिलीज सत्या-2 ने दर्शकों को खूब निराश किया.
सितम्बर में रिलीज ग्रैंड मस्ती को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले सफल एडल्ट कॉमेडी फिल्म का तमगा दिया जा सकता है. इंद्र कुमार की यह फिल्म सफलता के नए पर्याय 100 करोड़ क्लब में भी शामिल हुई.
2010 में आई सुपरहिट फिल्म वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई जहां आज भी दर्शकों के जेहन में है, वहीं 2013 में रिलीज वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा कब आई और कब गई, शायद ही कोई याद रख पाए.
देओल परिवार के यमला, पगला, दीवाना के सीक्वल यमला, पगला, दीवाना-2 से सभी को निराशा हाथ लगी. फिल्म लोगों को हंसाने के बदले, खुद हंसी के ठहाकों में फुर्र हो गई.
2007 की हिट थ्रिलर फिल्म शूटआउट एट लोखंडवाला की सीक्वल शूटआउट एट वडाला को बॉक्स ऑफिस पर मिला जुला रेस्पॉन्स मिला.
साल 1990 में रिलीज आशिकी के गाने आज भी संगीत प्रमियों के कानों को सुकून देते हैं. फिल्म के सीक्वल आशिकी-2 में भी भट्ट कैम्प ने इसे बरकरार रखने की सफल कोशिश की है. हालांकि इसका असर कितने दिनों तक जवां रहेगा यह देखना अभी बाकी है.
तिग्मांशु धूलिया की फिल्म साहब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स अपने डायलॉग्स और अलग हटके कहानी के कारण सफल फिल्मों की श्रेणी में शामिल तो हुई, लेकिन 2011 में रिलीज साहब बीवी और गैगस्टर से तुलना में यह थोड़ी फीकी रही.
2004 की हिट फिल्म मर्डर के सीक्वल मर्डर-3 से बी-टाउन में भट्ट कैंप के नए चेहरे विशेष भट्ट की एंट्री हुई. बतौर डायरेक्टर विशेष की यह पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं कर पाई. फिलहाल उनकी पहचान महेश भट्ट के भतीजे के तौर पर ही ज्यादा बेहतर है.
अब्बास-मस्तान की जोड़ी रेस-2 के माध्यम से सस्पेंस और थ्रिलर की कहानी बुनकर दर्शकों को रिझाने में सफल रही. फिल्म ने 2008 में रेस जैसी सफलता तो हासिल नहीं की, लेकिन फिल्म को दर्शकों को अच्छा रेस्पॉन्स मिला. फिल्म के कई गीत आज भी डिस्को थेक की जान बने हुए हैं.