प्रधानमंत्री का हरावल दस्ता | इंडिया टुडे की और खबरें
सरकार का मानना है कि वह भ्रष्टाचार पर बहस को इसलिए खो बैठी क्योंकि वह अप्रैल में दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए अनशन के दौरान मीडिया कवरेज का बंदोबस्त सही नहीं कर सकी. इसका सीधा नतीजा मीडिया पर मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) के गठन के रूप में सामने आया, जिसे अब संकट प्रबंधन समिति में तब्दील कर दिया गया है.
अमेरिका को सलीके से साधने के वाजपेयी और मनमोहन सिंह के प्रयासों का अब सुफल मिल रहा है. चुपचाप साझेदारियां बन रही हैं...चीन से दोबारा युद्ध में कौन-सा मुल्क साथ देगा, इसका जवाब हिंद और प्रशांत महासागर में तैयार हो रहा है.
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन पर नजर डालें तो सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक 449 मामलों में जिलाधिकारियों ने खनन की एनओसी जारी की लेकिन खनन का राजस्व नहीं लिया. इससे सरकार को 238.53 करोड़ रु. का नुक्सान हुआ.
अगर सीएजी की रिपोर्ट को ही आधार मानें तो अवैध खनन के कारण पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में करीब 1,500 करोड़ रु. और छत्तीसगढ़ में 700 करोड़ रु.की चपत लगी है. गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में सालाना 600 करोड़ रु. की चपत लगी है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा के खिलाफ भी अवैध खनन के आरोप लगे हैं.
मां ने मासूमों को रास्ते पर छोड़ दिया और पुलिस ने बड़ी कोशिशों से उन्हें वापस घर पहुंचाया. ''बच्चों को कोटद्वार ले जाने में थोड़ा खतरा था. लेकिन जैसे ही हम वहां पहुंचे, उन्हें सबकुछ याद आ गया.''.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आडवाणी की रथयात्रा से नीतीश कुमार को भरपूर राजनैतिक लाभ मिल रहा है. 83 वर्ष की उम्र में वरिष्ठ भाजपा नेता आडवाणी प्रधानमंत्री पद की दौड़ से भले ही बाहर हों, लेकिन इस पद के लिए राजग के अगले उम्मीदवार के चयन में उनकी भूमिका निर्णायक होगी.
बढ़ती ब्याज दरों ने अपना एक घर बनाने के मध्यम वर्ग के सपने को दुःस्वप्न में बदल दिया है.
एपल के सीईओ ने भविष्य की कल्पना कर उसका मुकम्मल डिजाइन तैयार किया.
उच्च शिक्षा के संस्थानों को तीन मूलभूत स्वतंत्रताएं चाहिएः यह तय करने की आजादी कि वे किसे पढ़ाएंगे, कौन पढ़ाएगा, और क्या पढ़ाएगा.