तमिलनाडु में बुधवार को एक भीषणतम अग्निकांड में 54 व्यक्तियों की जलने से मौत हो गई, जबकि 50 अन्य घायल हुए. निकटवर्ती मुधालीपट्टी में एक पटाखा फैक्ट्री परिसर में लगी आग ने फैक्ट्री और परिसर के 48 शेड को तबाह कर दिया.
पुलिस और दमकल सूत्रों ने बताया कि हादसा उस समय हुआ जब फैक्ट्री में काम करने वाले लोग रंगबिरंगी रौशनी निकालने वाली आतिशबाजी बनाने के लिए रसायनों को मिलाने का काम कर रहे थे.
आग लगने से बहुत से मजदूर भीतर फंस गए. आम तौर पर शांत रहने वाले इस गांव में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग से हर ओर अफरा तफरी मच गई. रह रहकर उठती धमाकों की आवाज करीब दो किलोमीटर के दायरे में सुनाई देती रही.
घना धुआं पूरे इलाके पर फैल गया और आग में फंसे लोग इतनी बुरी तरह जल गए कि उनकी पहचान तक होना मुश्किल है. हादसे में हताहत हुए लोगों में ज्यादातर फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं.
पुलिस ने बताया कि एक दुखद बात यह हुई कि आग में घिरे लोगों को बचाने के लिए ओमशक्ति फैक्ट्री परिसर के भीतर घुसे कुछ लोग भी आग के शिकार हो गए.
सूत्रों ने बताया कि सरकारी परामर्श का उल्लंघन करते हुए सारे पटाखों को एक ही गोदाम में रखा गया था. दमकल कर्मचारियों को राहत कार्य के लिए जरूरी सामान न होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
उनके पास इस तरह की भीषण आग के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मास्क जैसे जरूरी उपकरणों का अभाव था.
श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री का मालिक फरार है और उसने इस सलाह की तरफ ध्यान नहीं दिया कि रसायनों के भंडार को एक ही जगह पर न रखे.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोग धधकती लपटों से घिरे चीख रहे थे.
कई घायलों को मोटरबाइक, चारपाई और कंधों पर लादकर राहतकर्मियों ने अस्पताल पहुंचाया. अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर मजदूर अकुशल थे और कुछ पश्चिम बंगाल के थे, जिन्हें तमिल भाषा नहीं आती थी, जिसकी वजह से वह बाकी लोगों को आग लगने की बारे में बता नहीं पाए.